उत्तराखंड में यहां शराब की दुकान के आवंटन में लगे धांधली के आरोप, ओवररेट बेची जा रही है शराब , आबकारी विभाग ने किया है मौन धारण।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि देहरादून

देहरादून/  शराब की दुकानों के आवंटन प्रक्रिया में एक दुकान को लेकर विवाद हो गया। लॉटरी के लिए आवेदन जमा हो रहे थे कि एकाएक चकराता रोड-1 दुकान को लेकर फार्म जमा करने पर रोक लगा दी गई। इस पर लोगों ने धांधली का आरोप लगाते हुए वहां हंगामा कर दिया। आबकारी विभाग ने अपना पक्ष रखा कि इस दुकान का शासन के माध्यम से रिन्युअल हो गया था। लिहाजा इसके लिए लॉटरी फार्म जमा करने पर रोक लगानी पड़ी।

इस वर्ष जिले की शराब की 21 दुकानों का नवीनीकरण नहीं हुआ था। इनमें विदेशी शराब की 17 और देसी की चार दुकानें हैं। इनका आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाना था। इसके लिए बुधवार को फार्म जमा किए जा रहे थे। फार्म तीन बजे तक जमा किए जाने थे परन्तु ढाई बजे ही चकराता रोड-1 दुकान के लिए फार्म जमा करने पर रोक लगा दी गई। इसे देखकर लोगों ने आपत्ति शुरू कर दी। फार्म लेकर आए कारोबारियों ने आबकारी विभाग पर हठधर्मिता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू कर दिए।

जिला आबकारी कार्यालय पर काफी देर तक हंगामा होता रहा। जिला आबकारी अधिकारी राजीव चौहान ने कहा कि दोपहर तक चकराता रोड-1 दुकान के नवीनीकरण के आदेश आबकारी विभाग के पास नहीं थे। बाद में आयुक्त कार्यालय ने अवगत कराया कि इस दुकान के नवीनीकरण को ठेकेदार ने शासन से अनुमति मांगी थी। यह अनुमति उन्हें मिल गई है। ऐसे में इसकी विज्ञप्ति को दोपहर में निरस्त कर आदेश चस्पा कर दिया गया।

12 दुकानों के लिए किए गए आवेदन

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि लॉटरी प्रक्रिया के लिए 12 दुकानों के लिए आवेदन आए हैं। इनके लिए बृहस्पतिवार को ऋषिपर्णा हॉल में लॉटरी का आयोजन किया जाएगा। बची हुई नौ दुकानों का आवंटन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाना है। इसके लिए भी आगामी समय में आवेदन मांगे जाएंगे।

ओवररेट बिक रही शराब, आबकारी विभाग है मौन

इस साल पिछले साल की अपेक्षा शराब के दामों में कमी की गई है। बावजूद इसके कई दुकानों पर पहले वाले रेट शराब मिल रही हैं। इसका कारण है कि अभी एमआरपी पिछले साल वाली ही बोतलों पर दर्ज है। यही नहीं पिछले साल की एमआरपी पर भी कई दुकानों पर इससे ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं परन्तु अभी तक आबकारी प्रवर्तन की ओर से कहीं भी कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक इस बार फिलहाल प्रवर्तन विभाग को कार्रवाई के लिए मना किया गया है।

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