देहरादून/ डेढ़ साल बाद विजिलेंस ने दरोगा भर्ती घोटाले से सम्बन्धित जांच रिपोर्ट शासन को सौप दी है। कई ऐसे दरोगा है जिनके खिलाफ साक्ष्य मिले है। जिसमें पैसे देकर भर्ती होने सहित अन्य आरोपी भी शामिल है। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस ने अभियोजन चलाने की मांग शासन से की है। वहीं कई दरोगाओं को क्लीन चिट मिल सकती है। मुख्य तौर पर 20 दरोगाओं के नाम प्राथमिक जांच में सामने आए थे। जिनको निलंबित किया गया था। जांच के दायरे में आए दरोगाओं के भविष्य का फैसला जल्द शासन स्तर पर लिया जाएगा। 2015 में 339 दरोगाओं की सीधी भर्ती की गई थी। यह परीक्षा पंत नगर विश्व विद्यालय में आयोजित करायी गई थी।
मई 2022 में यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली का मामला सामने आया। शासन ने परीक्षा धांधली की जांच स्पेशल टास्क फोर्स को सौपी थी। जांच आगे बढ़ने के साथ ही कई नामी लोग जांच के दायरे में आते गए। लगातार गिरफ्तारियां हुई। नकल माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए सख्त कार्यवाई की गई। गैंगस्टर ऐक्ट में भी मुकदमे दर्ज किए गए। इस दौरान 2015-16 में हुई दरोगा सीधी भर्ती में भी धांधली के आरोप लगे और जांच विजिलेंस को सौपी गई।
विजिलेंस ने प्राथमिक जांच के बाद 8 अक्टूबर 2022 को आठ लोगों के खिलाफ हल्द्वानी सेक्टर में मुक़दमा दर्ज किया था। कई दरोगाओं के खिलाफ साक्ष्य मिले तो मामला गंभीर होता चला गया। कुछ दरोगाओं की काबलियत पर सवाल उठे। कहा गया की कुछ को केस डायरी तक लिखनी नहीं आती। पुलिस मुख्यालय ने जनवरी 2023 में 20 दरोगाओं को निलंबित करने का आदेश जारी किया था। बताया गया था की कई दरोगा पैसे देकर भर्ती हुए। विजिलेंस ने जांच में आए दरोगा के परिजनों की सम्पति की जांच करायी। बैंक खाते खंगालने सहित अन्य साक्ष्य जुटाए। सूत्र बता रहे है कि लगभग एक सप्ताह पहले विजिलेंस ने शासन को दरोगा भर्ती धांधली की जांच रिपोर्ट सौप दी है।
विजिलेंस के हाथ कई दरोगा के खिलाफ साक्ष्य लगे है। जिनके खिलाफ आगे की कार्यवाई शुरू कर दी गई है। अभियोजन चलाने की अनुमती भी शासन से मांगी गई है। जल्द शासन इस पर ऐक्शन ले सकता है। सतर्कता समिति की बैठक में इन दरोगाओ के खिलाफ मुकदमे या अन्य कार्यवाई का फैसला हो सकता है।