न्यूज़ 13 प्रतिनिधि देहरादून:-
देहरादून/ पिछले साल घोषित किए गए पद्म पुरस्कार आज दिए जाएंगे। कोरोना के कारण पिछले साल पुरस्कारों का वितरण नहीं हो पाया था। आज उत्तराखंड की पांच हस्तियों को भी पद्म पुरस्कारों से नवाजा जाएगा।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैस्को प्रमुख पर्यावरणविद डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पद्मभूषण व पर्यावरणविद कल्याण सिंह और डॉ.योगी एरन को पी सम्मान देकर सम्मानित करेंगे। इनके अवाला मंगलवार को डॉ.भूपेंद्र कुमार सिंह और किसान प्रेम चंद शर्मा को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
हैस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण पारिस्थितिकी और ग्राम्य विकास से जुड़े मुद्दों और नदियों को बचाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कहा कि यह पुरस्कार सामाजिक एवं प्रकृति और पर्यावरण के लिए किए जा रहे सामूहिक प्रयासों को समर्पित करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2006 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वर्षों से काम कर रहे कल्याण सिंह रावत ने राज्य में मैती आंदोलन के जरिये पर्यारण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी परंपरा को जन्म दिया। जिसकी चर्चा आज दुनिया भर में है। मैती आंदोलन के तहत गांव में जब भी किसी लड़की की शादी होती है तो लड़की की विदाई के वक्त दूल्हा-दुल्हन को एक फलदार पौधा सौंपा जाता है। वैदिक मंत्रों के के साथ दूल्हा इस पौधे को लगाते है और दुल्हन इसे पानी से सींचती है।
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पेड़ को लगाने के बदले दूल्हे की ओर से दुल्हन की सहेलियों को कुछ पैसे दिए जाते हैं। जिसका उपयोग पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में और समाज के निर्धन बच्चों के पढ़ाई लिखाई में किया जाता है। दुल्हन की सहेलियों को मैती बहन कहा जाता है।
जो भविष्य में उनके द्वारा लगाए गए पेड़ की देखभाल करती हैं। पर्यावरण से जुड़े मैती आंदोलन की शुरुआत कल्याण सिंह रावत ने वर्ष 1994 में चमोली जिले के राइंका ग्वालदम में जीव विज्ञान के प्रवक्ता पद पर रहते हुए की थी।