ताइवान/ भूकंप आने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 700 से अधिक अन्य घायल हो गए। यह पिछले 25 वर्षों में ताइवान में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है। 1999 में देश के नानटौ काउंटी में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 2,500 से अधिक लोग मारे गए थे और 1,300 से अधिक अन्य घायल हुए थे। इस भूकंप के बाद बिजली सप्लाई पूरे शहर में बाधित हो गई। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.2 आंकी गई।
देशभर में ट्रेन की सेवाओं को सस्पेंड कर दिया गया है। ये भूकंप इतना जबरदस्त था कि जापान के दो द्वीपों पर सुनामी आ गई। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। कई घर और इमारतें ताश के पत्तों की ढेर हो गई। भूकंप के बाद से सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
ताइवान जब जोरदार भूकंप के खतरों से दहला तो सबसे ज्यादा खतरा पास के जापान को महसूस हुआ। ताइवान के इमारतों में जो लोग फंसे हैं, उसे निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ताइवान, जापान और फिलीपींस में सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्कूल और सरकारी कार्यलायों को बंद कर दिया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बना एक स्कूल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।
ताइवान में आए भीषण भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में सेना की तैनाती की गई है। यूएसजीएस ने कहा कि ताइपे में कई झटके आए, जिनमें से एक झटका 6.5 तीव्रता का और लगभग 11.8 किमी गहरा था। ताइवान के केंद्रीय मौसम प्रशासन ने कहा कि आने वाले तीन या चार में और झटके आने की आशंका है और इनकी तीव्रता 6.5 से 7.0 तक हो सकती है।
हुलिएन में एक पांच मंजिला इमारत पहली मंजिल पर आंशिक रूप से ढह गई, जिससे इमारत 45 डिग्री के कोण पर झुक गई। रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान में आया भूकंप इतना जबरदस्त था कि इसके झटके शंघाई तक महसूस किए गए। चीन की मीडिया का कहना है कि भूकंप के झटके चीन के फिजू, निग्ने में महसूस किए गए हैं।