NEWS 13 प्रतिनिधि हल्द्वानी:-
नैनीताल/ नैनीताल हाईकोर्ट ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति को हटाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि कुलपति ने यूजीसी की नियमावली के अनुसार दस साल प्रोफेसरशिप नहीं की है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्त्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में हुई। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय प्रो0एनएस भंडारी की नियुक्ति के खिलाफ देहरादून निवासी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर करी थी।
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याचिकाकर्ता के अनुसार राज्य सरकार ने प्रो0भंडारी की नियुक्ति यूजीसी नियमावली को दरकिनार करते हुए की है। यूजीसी की नियमावली के मुताबिक कुलपति की पात्रता के लिए दस वर्ष तक प्रोफेसरशिप आवश्यक है। जबकि प्रो0भंडारी ने करीब आठ साल ही प्रोफेसरशिप की है। बाद में प्रोफेसर भंडारी उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के सदस्य नियुक्त हो गए थे।