गाजीपुर/ एंटी करप्शन टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सादात थाने में तैनात एस आई आफताब अहमद को थाने के अंदर ही रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर लिया और गिरफ्तार करके आगे की कार्रवाई के लिए बहरियाबाद ले गए ना सिर्फ दरोगा को बल्कि सादात के थानाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी के खिलाफ भी एंटी करप्शन के प्रभारी निरीक्षक अजीत सिंह ने तहरीर दे कर मुकदमा दर्ज करवाया है।
दरोगा के पकड़े जाने और थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस महकमे में जैसे भूचाल सा गया आरोपी आफताब अहमद सादात थाने में ही मुंशी का काम करता था बाद में उसे हाल ही में प्रोन्नति मिली और उप निरीक्षक बना दिया गया ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पहली पोस्टिंग भी उसे सादात थाने में ही मिली थी
बीती 23 फरवरी को एक लावारिस कार थाने में आती है उक्त कार को पेश रिलीज करने के लिए एसडीएम के यहां आख्या भेजने के लिए शिकायतकर्ता संजय यादव पुत्र हरीश चंद्र यादव निवासी गजहड़ा थाना मुबारकपुर आजमगढ़ ने आफताब अहमद से बात की आरोप है कि आफताब अहमद ने थानाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी के साथ मिलकर इसके बदले में 25 हजार रुपए रिश्वत मांगी जिसके बाद पीड़ित शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन यूनिट का सहारा लिया।
और जिस पर एंटी करप्शन टीम ने पीड़ित का साथ देते हुए एक जाल बिछाया और पीड़ित को अपनी तरफ से केमिकल लगे हुए नोट देकर थाने भेजा और जैसे पीड़ित में वो पैसे आफताब अहमद को दिए सादे कपड़ों में पहुंची एंटी करप्शन टीम के सदस्यों ने उसे दबोच लिया और जब उसके हाथ धुलवाए गए तब हाथ लाल हो गए टीम तुरंत एस आई आफताब अहमद को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई और थानाध्यक्ष आलोक त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया।
आरोपी आलोक त्रिपाठी पूर्व में जिले के पुलिस अधीक्षक का पी आर ओ भी रह चुका है रिश्वतखोरों को गिरफ्तार करने वाली टीम में निरीक्षक अजीत सिंह सहित नीरज सिंह, योगेंद्र कुमार, मैनेजर सिंह, प्रमोद कुमार, मुख्य आरक्षी शैलेंद्र राय, विशाल उपाध्याय, सुमित भारती, विनोद कुमार, आरक्षी आशीष शुक्ला, अजय यादव, मिथिलेश यादव, मुख्य आरक्षी व चालक अश्वनी पांडेय, आरक्षी चालक विनय कुमार आदि शामिल थे।