चम्पावत, रसोई गैस का ₹300 अतिरिक्त भाड़ा वहन कर रहे हैं रौलमेल क्षेत्र के लोग।रोगियों एवं प्रसव पीड़ित महिलाओं को 8 किलोमीटर ले जाना पड़ता है डोली में।
लोहाघाट/ पाटी ब्लाक के अंतर्गत मत्स्य पालन, मौसमी सब्जियों, फलोत्पादन आदि से अपनी आजीविका चलाने वाले रौलमेल क्षेत्र के लोग अब पलायन करने के लिए मजबूर होते जा रहे हैं। उसका कारण गांव को जोड़ने वाली छिनकाछीड़ा रौलमेल सड़क की बदहाली है, जिसके कारण यहां कोई चालक अपना वाहन नहीं डालना चाहते हैं। चालकों का कहना है कि इस रोड में चलने से किराए से अधिक वाहन को नुकसान पहुंचता है। यहां के लोगों को ₹300 गैस सिलेंडर की अधिक कीमत अदा करनी पड़ रही है। बरसों से पीड़ित महिलाओं एवं बीमारों को 8 किलोमीटर तक डोली में ले जाना पड़ता है। यही नहीं यहां होने वाले उत्पादों को खेतों से सड़क तक ले जाने में उन्हें फायदा कम नुकसान अधिक हो रहा है, जिससे ग्रामीण पलायन करने को मजबूर रहे हैं।