देहरादून/ उत्तराखंड राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के लिए तीन दिन भारी बताए हैं 8 अप्रैल से पश्चिमी विक्षोभसक्रिय रहेगा यह तीन दिन तक येलो अलर्ट की तहत बरसात और ओलावृष्टि के साथ झक्कड़ के रूप में राज्य के सभी जिलों में इसकी उपस्थिति रहेगी मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य के उत्तरकाशी. चमोली.
रुद्रप्रयाग. पिथौरागढ़. बागेश्वर. अल्मोड़ा. के साथ ही चंपावत
जिले में कहीं-कहीं गरजन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की संभावना मौसम विभाग ने 10 अप्रैल तक जताई है जबकि 9 और 10 अप्रैल को राज्य के पौड़ी गढ़वाल. नैनीताल. उधमसिंह नगर के साथ ही हरिद्वार जिले में कहीं-कहीं गरजन के साथ आकाशीय बिजली चमकने तथा कहीं-कहीं झोकेदार 40 से 50 किलोमीटर तक तेज हवाएं चलने की संभावना मौसम विभाग ने जताई
है। इसके अलावा 6 और 7 अप्रैल को मौसम शुष्क रहेगा।।
एक चक्रवाती परिसंचरण छत्तीसगढ़ और उससे सटे क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर बिहार से विदर्भ तक छत्तीसगढ़ के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण के जरिए फैली हुई है। दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे क्षेत्रों में एक और चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा उत्तर महाराष्ट्र से लेकर उत्तर तमिलनाडु तक फैली हुई है जो आंतरिक कर्नाटक से होकर गुजर रही है।पहला पश्चिमी विक्षोभ 8 अप्रैल से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल पिछले 24 घंटे के दौरान केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर तेज वर्षा दर्ज की गई। पिछले 24 घंटे के दौरान, केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर तेज बारिश दर्ज की गई।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप और पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश हुई।हिमाचल प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और सौराष्ट्र व कच्छ के कुछ हिस्सों में लू जैसी स्थितियां देखने को मिलीं। अगले
24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
अगले 24 घंटों के दौरान, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती 8 अप्रैल को असम, मेघालय और बिहार के कुछ हिस्सों में कहीं-कहीं भारी बारिश के भी आसार हैं। उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत के कई भागों में तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो सकती है।