ऊखीमठ, तुंगनाथ घाटी के पावजगपुडा के ग्रामीणों ने निर्माणाधीन ताला-बरंगाली-पावजगपुडा-मक्कू के लिए निर्माणाधीन मोटर मार्ग कार्य जल्द शुरू न होने पर भी आंदोलन की चेतावनी।
ऊखीमठ, तुंगनाथ घाटी के पावजगपुडा के ग्रामीणों ने निर्माणाधीन ताला-बरंगाली-पावजगपुडा-मक्कू के लिए निर्माणाधीन मोटर मार्ग कार्य जल्द शुरू न होने पर भी आंदोलन की चेतावनी।
ऊखीमठ/ तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत पावजगपुडा़ के ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर विगत चार वर्षों निर्माणाधीन पीएमजीएसवाई के निर्माणाधीन ताला – बरंगाली – पावजगपुडा़ – मक्कू मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू पूरा न होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी है! ग्रामीणों का कहना है कि पीएमजीएसवाई की कार्यदाही संस्था एनटीपीसी की लापरवाही से मोटर मार्ग का निर्माण कार्य विगत चार वर्षों से अधर में लटकने से ग्रामीणों को कई किमी अतिरिक्त दूरी तय करने के बाद तहसील व विकासखण्ड मुख्यालय सम्पर्क करना पड़ रहा है!
उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन का हवाला देते हुए पावजगपुडा़ के ग्रामीणों ने बताया कि निर्माणाधीन मोटर मार्ग के दोनों तरफ सुरक्षा दीवालों का निर्माण न होने से दर्जनों मकानों व गौशालाओं को खतरा बना हुआ है ! कहा कि जिन जंगलों के मध्य मोटर मार्ग का निर्माण किया गया है उन स्थानों पर भी सुरक्षा दीवालों का निर्माण न होने से भूधस्वाव निरन्तर जारी रहने से वन सम्पदा को खासा नुकसान हो रहा है तथा निकासी नालियों का निर्माण भी अधर में लटकने से बरसात के समय मोटर मार्ग का पानी घरों में घुसने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है!
ग्रामीणों का कहना है कि मोटर मार्ग का निर्माण कार्य अधर में लटकने से मोटर मार्ग अधिकांश स्थानों पर कीचड़ में तब्दील होने से स्कूली नौनिहालों को भारी परेशानियों का सामना करने के बाद मंजिल तक पहुंचना पड़ता है! बताया कि मोटर मार्ग निर्माण के दौरान जिन काश्तकारों की जमीन कटी है उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिला है इसलिए यदि निर्माणाधीन मोटर मार्ग का निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं होता है तो ग्रामीणों को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पडे़गा
जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन, पीएमजीएसवाई व कार्यदाही संस्था एनपीसीसी की होगी! ज्ञापन में प्रधान अरविन्द रावत, देखरेख समिति अध्यक्ष हीरा सिंह, बसन्त सिंह, गोपाल सिंह, कमल सिंह, बीर सिंह, श्याम सिंह, राजेन्द्र सिंह, कुशाल सिंह, सूरत सिंह, मनीष सिंह, आशा सिंह, विशन सिंह, गंगा सिंह, विनोद सिंह सहित तीन दर्जन ग्रामीणों के हस्ताक्षर मौजूद थे!