


प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर निशाना साधते हुए कहा प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। सरकार और सरकारी तंत्र पूरी तरह बेपटरी हो चुका है और आज राज्य में हालात इस कदर खराब हैं कि राज्य में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की जरूरत है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड की तीरथ सिंह रावत की सरकार कोरोना महामारी की रोकथाम और संक्रमित मरीजों को समुचित इलाज दे पाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।
प्रीतम सिंह ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्थितियों की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में कोरोना से होने वाली मौतों की दर देश के राष्ट्रीय औसत से भी अधिक पहुंच गई है। रिकवरी रेट में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है।
प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा प्रदेश सरकार को सलाह दी गई थी कि जांच बड़े पैमाने पर की जाय।
पिथौरागढ़ में कोरोना का परीक्षण 1 लाख में सिर्फ और सिर्फ 48 पर किया जा रहा है। इसी से पता चलता है की राज्य सरकार कितनी संवेदनशील ह। प्रीतमसिंह ने यह आरोप भी लगाया कि पूरा संसाधन लोगों के जीवन बचाने पर लगाने की बजाय प्रदेश सरकार सच्चाई को ढंकने और पुराने TSR के फोटो छिपाने के लिए अब भी समय और संसाधन बर्बाद कर रही है।
प्रीतम सिंह ने कहा कोरोना संक्रमित मरीज प्रदेश के अस्पतालों में एक-एक बेड और ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यापक तौर पर काला बाजारी हो रही है। वेंटीलेटर और जरूरी चिकित्सा के अभाव में असमय लोगों की जान जा रही हैं। इसके बाद भी सरकार मौत के मातम चीखते-बिलखते परिवारजनों चिताओं से उठते धुएं के बावजूद संक्रमण की विभीषिका और हो रही मौतों को रोकने के लिए पूरी तरह गंभीर नहीं दिखाई दे रही है।
प्रीतम सिंह ने यह भी कहा की मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों को ही गांवों में कोरोना सेंटर के संचालन का दायित्व सौंप दिया है। इस पर मुख्यमंत्री स्पष्ट करें की इस फैसले को लेकर उन्होंने क्या योजना बनाई है. क्या प्रधानों को कोविड-19 वैक्सीन लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी क्या उनको बीमाकृत भी किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने कोरोना सुरक्षा प्रबंधन पर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए टिप्पणी की कि आपदा में अवसर’ व जलती चिताओं के बीच उत्सव मनाने वाली इस सरकार को जन जीवन की सुरक्षा करने की कोई चिन्ता नहीं है। कोरोना सुरक्षा में हुई आर्थिक धांधली को हमने सदन के समक्ष रखा था। बाद में स्वयं भाजपा के विधायक ने मास्क घोटाले की बात स्वीकार की।








