


NEWS 13 प्रतिनिधि गंगोलीहाट:-
मानस खंड में गंगावली क्षेत्र के शैल शिखर क्षेत्र में 21 गुफाएं होने का जिक्र है जिसमें से आठ गुफाएं प्रकाश में आ चुकी हैं पहले से ही अस्तित्व में आई पाताल भुवनेश्वर गुफा इस समय जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुकी है साथ ही अन्य गुफाओं का विकास किए जाने पर यह क्षेत्र गुफाओं की घाटी के रूप में विकसित हो सकता है तथा गुफाओं वाले इन क्षेत्रों में विकास भी हो सकेगा गुफाओं को पर्यटन सर्किट से जोड़कर सैलानियों को नैसर्गिक सौंदर्य के साथ अध्यात्म से जोड़ने का सरकार का दावा 20 वर्षों में भी साकार नहीं हो सका है।
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जिले की एक दर्जन गुफाओं में केवल पाताल भुवनेश्वर को छोड़ अन्य गुफाएं आज भी गुमनाम है इन गुफाओं का इतिहास भी अंधेरे में भटक रहा है सीमांत जिले का गंगावली क्षेत्र गुफाओं के मामले में धनी है इस क्षेत्र में पाताल भुवनेश्वर जैसी विख्यात गुफाओं के अलावा अन्य 8 गुफाएं भी प्रकाश में आई हैं इन गुफाओं तक आज भी पहुंचना संभव नहीं हुआ है राज्य बनने के बाद इस क्षेत्र को गुफाओं की घाटी बनाकर गुफाओं का विकास और सौन्दरीकरण की घोषणा हुई थी प्रदेश में सत्तासीन होने वाली सरकारै इसे पर्यटन सर्किट से जोडने का दावा करती रही हैं।
गंगावली क्षेत्र की गुफाओं एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए इसे हिम नगरी मुनस्यारी से जोड़ने का प्रस्ताव था पर्यटन सर्किट के अनुसार गंगावली क्षेत्र गंगोलीहाट एवं बेरीनाग के पर्यटक स्थल चौकड़ी धार्मिक स्थल थल से होते हुए मुनस्यारी को जोड़ना था पर्यटकों को गुफाओं के रोमांच से आस्था की तरफ ले जाकर हिमालय के दर्शन की योजना इस सर्किट का मूल आधार था परंतु आज तक गंगावली क्षेत्र की भोलेश्वर, कोटेश्वर, शैलेश्वर, मुक्तेश्वर, महेश्वर, दाणेश्वर, जैसी गुफाएं अंधेरे में ही हैं इन गुफाओं तक पहुंचने के लिए न तो संपर्क मार्ग हैं और नहीं गुफाओं का प्रचार प्रसार हो सका है आज भी यह गुफाएं केवल स्थानीय लोगों की आस्था तक सिमट गई हैं पर्यटक लाख चाहने के बाद भी इन गुफाओं का दीदार नहीं कर पा रहे हैं गुफाओं की घाटी केवल पाताल भुवनेश्वर गुफा तक सिमट कर रह चुकी है।








