


NEWS 13 प्रतिनिधि हल्द्वानी:-
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर आज नैनीताल हाईकोर्ट की सुनवाई से रास्ता निकल सकता है। वैसे तीरथ सरकार पहले 15 जून से सीमित चारधाम यात्रा का ऐलान कर पलटी मारी चुकी है। क्योंकि सरकार को एसओपी बनाते-बनाते याद आया कि चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट सख्ती से न केवल मॉनिटरिंग कर रहा बल्कि देवस्थानम बोर्ड और टूरिज्म के कर्ताधर्ताओं को कोविड प्रोटोकॉल के जमीनी हालात जानने को पैदल दौड़ने को भी मजबूर कर चुका है। इसी को देखकर तीरथ सरकार दो कदम बढ़कर चार कदम की पलटी मारी गई आज सरकार को हाईकोर्ट से मिलने वाले निर्देशों का इंतजार है।
इसी लिए सरकार ने चमोली जिले के लोगों के लिए बद्रीनाथ व उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए गंगोत्री व यमुनोत्री तथा केदारनाथ धाम दर्शन की अनुमति रुद्रप्रयाग जिले के लोगों को दे दी थी। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कपाट खुलने के समय कोरोना प्रोटोकॉल का पालन ठीक से न हो पाने के चलते देवस्थानम बोर्ड और टूरिज्म मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई थी। ऐसे मे अब सरकार की नज़र आज हाईकोर्ट से मिलने वाले दिशानिर्देशों पर टिकी है। साथ ही टूरिज्म सेक्रेटरी दिलीप जावलकर और रविनाथ रमन चारों धामों में हालात कोविड गाइडलाइंस के पालन को लेकर अपनी रिपोर्ट भी देंगे। इसी पर दारोमदार रहने वाला है कि हाईकोर्ट चारधाम यात्रा के सीमित रूप में ही सही, लेकिन क्या मार्गदर्शन देता है।








