त्रिवेंद्र सरकार में एतिहासिक बदलाव और 20 साल का सबसे बड़ा क्रांतिकारी फैसला बताकर बनाया गया देवस्थानम बोर्ड तीरथ सरकार के लिए बनता जा रहा है सबसे बड़ा संकट।

NEWS 13 प्रतिनिधि गोपेश्वर:-

त्रिवेंद्र सरकार ने ऐतिहासिक बदलाव और 20 साल का सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम बताकर बनाया गया उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड तीरथ सरकार के लिए सबसे बड़ा संकट बनता जा रहा है। कुछ दिन पहले पर्यटन संस्कृति व धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के बयान ने आग में घी की आहुति देने का काम किया। जिसके बाद बोर्ड पर बवाल और ज्यादा बढ़ गया है। मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद तीरथ सिंह रावत ने बोर्ड पर पुनर्विचार का वादा किया था जिसके बाद से ही तीर्थ-पुरोहित और हक-हकूकधारी फैसले का इंतजार कर रहे थे। लेकिन सतपाल महाराज के बयान के बाद बोर्ड पर बवाल ही मच गया।

बोर्ड को लेकर मुख्यमंत्री का मौन और सरकार के रुख से नाराज़ होकर चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों ने 11 जून से काली पट्टी बाँधकर पूजा करने की बड़ी घोषणा कर दिया है। अगर इसके बाद भी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया तो 15 जून को चारों धामों के तीर्थ पुरोहित सांकेतिक उपवास रखेंगे। 20 जून को तीरथ सिंह रावत सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन-यज्ञ किया जाएगा और 21 जून से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की घोषणा भी कर दी है।

शुक्रवार को ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के अध्यक्ष उमेश सती के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया। इसी तरह चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध किया है। ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति ने मंदिर प्रांगण में बैठकर काली पट्टी बांधकर बोर्ड का विरोध किया। और यह निर्णय लिया गया अगर सरकार देवस्थानम बोर्ड को जल्द से जल्द सामाप्त नहीं करती तो आगे इसका और भी पूरजोर विरोध किया जाएगा। सभा में उमेश सती, प्रदीप नौटियाल, आनंद सती, रोहित सती, मोहन नौटियाल, शरद नौटियाल गर्व सती आदि सम्मिलित थे।

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