


NEWS 13 प्रतिनिधि पिथौरागढ़:-
उत्तराखंड में जीवन के हर पल में धार्मिक पूजा पाठ उपवास एवं अनुष्ठानों का विशेष महत्व है। इसीलिए उत्तराखण्ड को देवभूमि भी जाता है। उत्तराखंड में ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को वट सावित्री के दिन का सुहागिनी स्त्रियों के लिए विशेष महत्व है। अपने पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए सुहागिनी स्त्रियां इस दिन उपवास रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। पिथौरागढ़ में भी सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लम्बी आयु की कामना के साथ घरों में सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क के सांथ वट सावित्री की पूजा अर्चना कर अपने पति की दीर्घायु के लिए वरदान मांगा। और कोरोना जैसी महामारी से निजाद देने की कामना की।
आपको बता दे कि जहां पूरे देश में करवाचैथ का व्रत का सुहागिन महिलाओं में विशेष महत्व है। वहीं उत्तराखंड के पर्वतीय समाज मे अभी भी पौराणिक वट सावित्री व्रत को विशेष मान्यता दी जाती है। एक पौराणिक कहावत के अनुसार सावित्री ने यमराज से अपने मृत पति के प्राण वापस मांग लिये थे उसी से प्रेरित होकर सुहागिन स्त्रियां इस व्रत को करती हैं।



