


NEWS 13 प्रतिनिधि रुद्रप्रयाग:-
तुंगनाथ घाटी के मखमली बुग्यालों में लगातार अतिक्रमण व खनन होना भविष्य के लिए चिन्ताजनक विषय बना हुआ है। मखमली बुग्यालों में हो रहे अतिक्रमण व खनन के प्रति तहसील प्रशासन तथा वन विभाग ने मौन धारण किया हुआ है जो यक्ष प्रश्न बना हुआ है। आने वाले भविष्य में यदि तुंगनाथ घाटी के मखमली बुग्यालों में इसी प्रकार अतिक्रमण व खनन जारी रहा तो वो दिन बहुत दूर नहीं जब बुग्यालों की सुन्दरता ही मानव दृष्टि से अदृश्य हो जायेगी व तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय पर भी ग्रहण लग जाएगा। तुंगनाथ घाटी में अतिक्रमण करने वाले बाहरी पूंजीपति आखीर किसकी सह पर लगातार बुग्यालों में अतिक्रमण कर रहे हैं यह एक गंभीर सोचनीय विषय बना हुआ हैै।
तुंगनाथ घाटी विभिन्न यात्रा पड़ावों के चारों तरफ पड़ने वाले मखमली बुग्यालों के चारों तरफ पिछले कई सालों से अवैध अतिक्रमण तथा खनन कार्य जारी है। वर्ष 2019 में जिला प्रशासन के निर्देश पर एक डी०एम के नेतृत्व में गठित समिति ने तुंगनाथ घाटी में हो रहे अवैध अतिक्रमण तथा खनन पर कुछ समय के लिए अतिक्रमण व खनन पर रोक लगाकर बुग्यालों में लगे टैंन्टो को हटाने का आदेश जारी किया था।
एडीएम के नेतृत्व में गठित समिति का आदेश जारी होते ही लगभग सभी बुग्यालों से अतिक्रमण हटने से बुग्यालों की सुन्दरता फिर से लौटने आयी थी। पिछले एक वर्ष के अन्तराल में मखमली बुग्यालों में निरन्तर अतिक्रमण व खनन होने से बुग्यालों की विहगमय सुन्दरता गायब होने के साथ साथ तहसील प्रशासन व वन विभाग के काम करने के तरीके पर भी प्रश्न चिन्ह लगने शुरू हो गये हैं।
स्थानीय सूत्रों की माने तो तुंगनाथ घाटी के सुरम्य बुग्यालों में बाहरी पूंजीपति लगातार अतिक्रमण व खनन कर रहे है। बुग्यालों में अतिक्रमण होने से बुग्यालों की सुन्दरता समाप्त होना स्वाभाविक है। स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि कुछ समय पूर्व वन विभाग द्वारा पगेर में कुछ ढांबो को तोडकर अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया था मगर पुनः ढाबे का निर्माण किसकी सह पर हुआ यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
देश व विदेश में तुंगनाथ घाटी को मखमली बुग्यालों के लिए ही जाना जाता है तथा हरवर्ष हजारों पर्यटक यहाँ के बुग्यालों के नयनाभिराम दृश्यों को आजीवन के लिए अपने अनमोल क्षण बनाकर स्मरणीय बनाए रखने के लिए तुंगनाथ घाटी पहुंचते है जिससे तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आजीविका चलती है। तुंगनाथ घाटी के मखमली बुग्यालों में लगातार अवैध अतिक्रमण व खनन जारी है जिससे सुरम्य बुग्यालों की सुन्दरता धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। अगर भविष्य में बुग्यालों में अवैध अतिक्रमण व खनन इसी तरह चलता रहा तो वो दिन बहुत दूर नहीं जब पर्यटक तुंगनाथ घाटी की सुंदर वादियों से मुंह मोड लैगे जिससे स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों पर रोज़ी रोटी का भी संकट गहराएगा।
वही दूसरी ओर वन विभाग अगस्तमुनि के रेंज अधिकारी बलवन्त चौहान का कहना है कि बनियाकुण्ड के अन्तर्गत अधिकतर अतिक्रमण राजस्व ग्राम में हुआ है। राजस्व ग्राम से बाहर हुए अतिक्रमण के लिए डी०एफ०ओ से पत्राचार किया गया है। आदेश मिलते ही बुग्यालों में हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही शुरू की जायेगी।








