


NEWS 13 प्रतिनिधि रूद्रप्रयाग:-
केदारनाथ मंदिर में प्रवेश को लेकर शुक्रवार को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड व तीर्थ पुरोहितों में नोकझोंक हो गई। देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों ने तीर्थ पुरोहितों को गर्भगृह में प्रवेश नहीं करने दिया। इस पर कुछ तीर्थ पुरोहितों ने हठ ठान ली कि वे मंदिर में प्रवेश करके रहेंगे। इस विवाद के चलते कुछ देर मंदिर बंद भी रहा। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों के बीच बातचीत से मामला शांत हो गया। देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों का कहना था कि सिर्फ मुख्य पुजारी व रावल को ही मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति है। उधर, गंगोत्री धाम में भी तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरुद्ध प्रदर्शन किया।
केदारनाथ धाम के कपाट तो खोल दिए गए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से यात्रा स्थगित रखी गई है। साथ ही कोई मंदिर में प्रवेश भी नहीं कर सकता। यहां तक कि धाम में रह रहे तीर्थ पुरोहितों के मंदिर प्रवेश पर भी देवस्थानम बोर्ड की ओर से रोक लगाई गई है। सिर्फ मुख्य पुजारी ही कोविड गाइडलाइन के अनुसार मंदिर में नियमित पूजा कर रहे हैं। उधर, शुक्रवार सुबह दस बजे कुछ तीर्थ पुरोहित मंदिर में प्रवेश करने लगे तो देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों की ओर से उन्हें रोक दिया गया। लेकिन, तीर्थ पुरोहितों के अंदर जाने के लिए अड़ जाने के कारण मामला गर्मा गया और दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक होने लगी।
देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों का कहना था कि मंदिर के अंदर प्रवेश वर्जित होने के कारण वे किसी भी दशा में तीर्थ पुरोहितों को भीतर नहीं जाने देंगे। इस बीच कुछ देर के लिए मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए, लेकिन बाद में दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई।
वहीं इस मामले पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने कहा कि केदार नाथ में देवस्थानम बोर्ड ओर सरकार द्वारा तीर्थ पुरोहित व हकहक्कूधारी के साथ जो वर्ताव किया जा रहा है वह बिल्कुल निंदनीय है।जो कि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कई दशकों से तीर्थ पुरोहितों द्वारा केदार पूरी को संजोए व संवारने का काम किया गया है जब सरकार व प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं होती थी तब स्थानीय व्यक्तियो के द्वारा ही श्रद्धालुओं की रहने खाने की व्यवस्था की जाती थी ओर आज देवस्थानम बोर्ड की आड में यह इन्के अधिकार छीनने का काम कर रही है जब BKTC वहाँ पर थी तो देवस्थानम बोर्ड की क्या जरूरत है साथ ही उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बना कर स्थानीय लोगों को वह तीर्थ पुरोहितों को परेशान किया जा रहा है ओर देवस्थानम बोर्ड जल्द भंग किया जाए।








