राज्य में बेकाबू कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कुमाऊँ रेजीमेंट व गढ़वाल रेजीमेंट को सौंपी जा सकती है कमान।

उत्तराखंड में कोरोनावायरस के संक्रमण के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं हर रोज हजारों की संख्या नये संक्रमित मरीजों के आंकड़े आ रहे हैं सरकार ने भले ही जिलों में कोरोना कर्फ्यू लगाया हो लेकिन फिर भी राज्य को कोई फायदा नहीं हो रहा है। शासन-प्रशासन भी सुस्त बना हुआ है और जनता को भी घरों में रोक पाने में पुलिस और जिला प्रशासन बिफल साबित हो रहा है। कोरोना के बिगड़ते हालात को लेकर अब राज्य मे सेना की मदद ली जा सकती है।

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने साफ कहा कि स्थिति को सुधारने के लिए कुमाऊँ रेजीमेंट और गढ़वाल रेजीमेंट को कोविड कंट्रोल के लिए मैदान में उतारा जा सकता है उनके अनुसार इस बिषय पर मुख्यमंत्री से बात हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ से इस बिषय में चर्चा की है। वही आज राज्यपाल से भी मुख्यमंत्री मुलाकात करैंगे, और सरकार के इस संभावित फैसले की जानकारी देंगे।

उत्तराखंड में दो महत्वपूर्ण सैन्य रेजीमेंट है कुमाऊँ रेजीमेंट एवं गढ़वाल रेजीमेंट बिगड़ते हालात देखते हुए इनको फील्ड मे उतारकर कोविड-19 कंट्रोल करने की कोशिश की जाएगी इसके अलावा कहीं जगह पर कोविड-19 मैनेजमेंट करने की जिम्मेदारी भी सेना को दी जा सकती है जिसके तहत अनुशासित होकर काम किया जा सके माना जा रहा है अगर सेना सड़क पर उतरती है तो बिना किसी काम के घूमने वाले लोगों में भी थोड़ा अनुशासन आएगा।

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