कोरोना के चलते नहीं निकल पाया श्रीराम का डोला, दुनागिरि में भी फीका रहा रामनवमी का मेला।

अल्मोड़ा, द्वाराहाट:- उत्तराखंड जिले में बहुत पौराणिक और सिद्ध शक्तिपीठ हैै। उन्ही शक्तिपीठ में से एक है द्रोणागिरी वैष्णवी शक्तिपीठ। वैष्णो देवी के बाद उत्तराखंड के कुमाऊं में “दूनागिरी ” दूसरी वैष्णो शक्तिपीठ है। उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट क्षेत्र से 15 km आगे माँ दूनागिरी माता का मंदिर अपार आस्था और श्रधा का केंद्र है। बताया जाता है कि मंदिर निर्माण के बारे में कि त्रेतायुग में जब लक्ष्मण को मेघनात के द्वारा शक्ति लगी थी। तब सुशेन वेद्य ने हनुमान जी से द्रोणाचल नाम के पर्वत से संजीवनी बूटी लाने को कहा था। हनुमान जी उस स्थान से पूरा पर्वत उठा रहे थे तो वहा पर पर्वत का एक छोटा सा टुकड़ा गिरा और फिर उसके बाद इस स्थान में दूनागिरी का मंदिर बन गया। कत्यूरी शासक सुधारदेव ने 1318 ईसवी में मंदिर निर्माण कर दुर्गा मूर्ति स्थापित की।इतना ही नहीं मंदिर में शिव व पार्वती की मूर्तियाँ विराजमान है।

देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण रामनवमी के पर्व पर भी मंदिर सूने पड़े रहे. मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम नजर आई. द्वाराहाट का ऐतिहासिक दुनागिरि मंदिर जिसकी भक्त निरंतर पूजा करते हैं. मंदिर में हर साल रामनवमी पर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. लेकिन इस बार कोरोना प्रकोप के कारण श्रद्धालुओं की संख्या बेहद ही कम रही। बता दे कि इसी माँ दुनागिरि में हर साल चैत्र नवरात्री में यूं तो पूरे वर्षभर श्रद्धालु मंदिर में पहुचकर मन्नतें मांगते हैं लेकिन चैत्र नवरात्र में पूजा पाठ के लिए यहां भारी भीड़ लगती है। दुनागिरि मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है। यहां जो भी भक्त पहुंचते हैं उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। मंदिर परिसर में अन्य देवी देवताओं के मंदिर भी हैं। नवरात्र में यहां काफी भीड़ रहती है। इस बार कोरोना काल के चलते भीड़ रही लेकिन पहले से बहुत कम, रामनवमी के अवसर पर माँ दुनागिरि के चरणों में बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है जो इस बार भी रहा लेकिन कोरोना काल और मौसम के बदलने से मेला कुछ फीका रहा।

वही द्वाराहाट में रामनवमी के शुभ अवसर पर कोरोना के चलते इस बार भगवान श्री राम चंद्र जी का डोला नहीं निकल पाया, जिसके कारण वही हनुमान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन गाये। खबर द्वाराहाट से है जहां रामनवमी के शुभ अवसर पर अन्य वर्षों की भांति कोरोना के चलते नहीं निकल पाया भगवान श्री रामचंद्र जी का डोला और ना ही निकल पाई झांकी। बता दें कि भगवान श्रीराम का डोला ना निकलने से भक्त मायूस जरूर हुए लेकिन वही भक्तों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान श्री रामचंद्र जी के भजन कीर्तन गाए।

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