


स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्री वाख्तावर संह नेगी का 104 वर्ष में देहवसान सीमान्त जनपद चमोली के अन्तिम जीवित स्वतंत्रता संग्राम सैनानी अब नहीं रहे।
गौचर के पास धारीनगर पैतक घाट पर होगा पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ आज अतीय संस्कार।
देश की आजादी के लिये स्वतंत्रता आन्दोलन के एक, महान योद्वा श्री वख्तावर संह नेगी ने आज प्रातः 7 बजे 204 वर्ष की आयु में गोचर में अतिम सांस ली है, जहां वे अपनी पुत्री श्रीमती कमला विष्ट एवं दामाद श्री सुरेन्ड सिंह विष्ट के साथ रह रहे थे। सीमाना जनपद चमोली के अन्तिम जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने आज अन्तिम विदाई ले ली है दिन में गोचर के पास धारीनगर के पैतृक घाट पर पूर्ण राजकीय राजकीय सम्मान के साथ होगा।
स्व.० नेगी ग्राम श्रीकोट पट्टी रानीगढ़ (गौचर) कर्णप्रमाण जि. चमोली के निवासी थे उनकी तीन पुत्रियां है सन् 1940 में सेना में भर्ती होने के बाद आजाद हिन्द फौज में शामिल होकर देश की आजादी के संग्राम में शामिल हुये।
बाद मे कलकत्ता जेल में सजा काटने के बाद सन् 1946 में इन्हें आर्मी से निकाल दिया गया आजादी के बाद पी०ए०सी० में मर्ती होने के बाद सन् 1974 में रिटायर हुये और अपनी पुत्री के परिवार के साथ ही गौचर में रह रहे थे, राष्ट्रीय पर्वों एव गौचर मेले में हमेशा नेगी जी को मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं व अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जाता रहा है। स्वतंत्रता संग्राम सैनानी के निधन से राष्ट्र की अपूर्णनीय क्षति हुई है।








