चमोली/ जिले के माणा गांव में हुए हिमस्खलन में फंसे मजूदरों का सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब तक 50 लोगों को निकाला गया है। इनमें से 4 घायलों की उपचार के दौरान मौत हो गई है। जबकि पांच अब भी लापता हैं। भारतीय सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने रेस्क्यू अभियान की जानकारी देते हुए इसकी पुष्टि की है। इस बीच भारतीय सेना के बड़े अफसरों का भी जोशीमठ पहुंचने का सिलसिला जारी है।
शुक्रवार सुबह भारत-चीन सीमा पर स्थित सीमांत जिले चमोली के माणा के समीप भीषण हिमस्खलन हो गया। जिसमें 55 मजदूर फंसे गए। मजदूरों को निकालने के लिए शुक्रवार से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पीआरओ डिफेंस देहरादून लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव की ओर से बताया गया है कि हिमस्खलन की चपेट में आए चार श्रमिकों की मौत हो गई है। पांच की तलाश जारी है।
46 मजदूर सुरक्षित है। सड़कें अवरुद्ध होने के कारण कुल छह हेलिकॉप्टरों को लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है। सुबह 23 मजदूरों को जोशीमठ पहुंचाया गया। हिमस्खलन में फंसे बीआरओ कर्मियों को हवाई मार्ग से जोशीमठ पहुंचाया जा रहा है। अब तक कुल 55 फंसे बीआरओ कर्मियों में से 47 को बचा लिया गया है। आज सुबह मुख्यमंत्री धामी जोशीमठ आर्मी हेलीपेड पहुंचे। यहां उन्होंने लाए गए घायलों का हालचाल पूछा मुख्यमंत्री धामी ने पहले घटनास्थल का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद माणा गांव और जोशीमठ आर्मी कैंप भी गए। सीएम धामी ने मौके पर सेना के अधिकारियों और रेस्क्यू अभियान में जुटे कर्मचारियों से बात की साथ ही उनका हौंसला भी बढ़ाया।
बीते शुक्रवार सुबह माणा गांव के समीप बीआरओ कैंप के नजदीक भारी हिमस्खलन हो गया। जिस समय हादसा हुआ 55 मजदूर कैंप में आराम कर रहे थे। ये मजदूर कैंप के पास बीते कुछ दिनों से निर्माण कार्य कर रहे थे। लेकिन दो दिनों से बर्फबारी की वजह से कैंप में ही आराम कर रहे थे। इस बीच यह हादसा हो गया।