पिथौरागढ़/ पिथौरागढ़ जिले के नेपाल सीमा से लगा जाजर चिंगरी गांव एक ऐसा गांव है जहां 5G तो दूर 4G सिग्नल भी बमुश्किल से मिलता है। लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि इस गांव में देश का पहला ऐसा सरकारी प्राथमिक विद्यालय है जहां बच्चों को एक AI रोबोट शिक्षक पढ़ाती हैं।
पिथौरागढ़ जिले से लगभग 40 किमी दूर स्थित जाजर चिंगरी गांव में देश का पहला ऐसा सरकारी आदर्श प्राथमिक स्कूल है जहा AI रोबोट टीचर बच्चों को पढ़ाती है। ये बात हर किसी लिए बेहद आश्चर्यजनक है। बताया जा रहा है कि इस गांव में जहां 5G तो दूर 4G सिग्नल भी बहुत बमुश्किल से मिल पाता है। सभी के दिमाग में एक ही सवाल है इंटरनेट की इतनी परेशानी के बावजूद यहां AI रोबोट टीचर का पढ़ाना कैसे और किसने मुमकिन किया।
जाजर चिंगरी में इस पहल को करने के पीछे स्कूल के शिक्षक चंद्रशेखर जोशी का योगदान है जिन्होंने अपनी मेहनत से AI रोबोट शिक्षक का सपना पूरा किया है। शिक्षक चंद्रशेखर जोशी ने कुल 4 लाख रुपये की लागत से AI रोबोट शिक्षक का निर्माण किया है जिसको उन्होंने Eco रोबोट का नाम दिया है।
4 लाख रूपये के खर्चे में बना रोबोट
चंद्रशेखर जोशी बताते हैं कि उनको AI रोबोट बनाने का आइडिया यह सोचते हुए आया कि आज का दौर AI का है तो इस बारे में उन्होंने अपने बेटे के विदेशों में रह रहे दोस्तों से बात की जिनमें से एक चीन में रहने वाले इंजीनियर दोस्त ने उनकी मदद भी की चंद्र शेखर ने बताया कि उनके दोस्त ने ही तीन पैकेज में रोबोट के पुर्जे भेजे और व्हाट्सएप के जरिए इसे असेंबल करने में मदद की।
जिस पर लगभग 4 लाख रूपये का खर्चा आया है। ECO रोबोट राजकीय प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी के बरामदे में बच्चों को पढ़ाता है उस जगह पर इंटरनेट सिग्नल की स्थिति थोड़ी बेहतर है। यह रोबोट त्वरित उत्तर देने में सक्षम है।
शिक्षा के स्वरूप को बदलने की क्षमता
शिक्षक चंद्रशेखर जोशी की मेहनत ने गांव के बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है। जाजर चिंगरी का यह छोटा सा विद्यालय अब पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन चुका है। उनके इस कार्य पर विशेषज्ञों ने भी उनकी तारीफ की है विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयोग देशभर में शिक्षा के स्वरूप को बदलने की क्षमता रखता है। यह AI रोबोट शिक्षक उन स्कूलों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान हो सकता है जहां शिक्षकों की कमी है। जाजर चिंगरी गांव में बच्चे ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी इस AI रोबोट शिक्षक को देखने के लिए आ रहे हैं।