रामनगर/ उत्तराखंड में खनन गतिविधियों को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संसद में दिए गए बयान के खिलाफ खनन कारोबारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है इसे लेकर आज रामनगर के पिरूमदारा में दर्जनों कारोबारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुतला फूंका।
क्या है पूरा मामला
खनन कारोबारियों के मुताबिक वर्तमान में राज्य में खनन की स्थिति सही चल रही है जिससे न केवल खनन व्यापारियों को लाभ हो रहा है बल्कि सरकार को भी अच्छा राजस्व प्राप्त हो रहा है।
बावजूद इसके पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संसद में खनन के खिलाफ गलत बयान दिया जिससे कारोबारियों में नाराजगी है।आज शाम खनन कारोबारियों ने पिरूमदारा के किसान इंटर कॉलेज में एकत्रित होकर जुलूस निकाला इसके बाद वे पीरूमदारा चौराहे पहुंचे जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का पुतला जलाया प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्तमान में खनन का कार्य पूरी तरह से सही तरीके से चल रहा है और इससे न केवल खनन उद्योग बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
प्रदर्शन कर रहे कारोबारियों का कहना था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान से न केवल खनन व्यापार को नुकसान होगा बल्कि सरकार का राजस्व भी प्रभावित होगा। प्रदर्शनकारी ने कहा हमारे व्यवसाय को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है जबकि सच्चाई यह है कि सरकार को इस क्षेत्र से पर्याप्त राजस्व मिल रहा है और रोजगार के अवसर भी बन रहे हैं कारोबारियों ने कहा कि पिछले वर्ष 600 600 गे ज्यादा करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था जबकि इस वर्ष उत्तराखंड सरकार को 1 हज़ार 21 करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है।
सरकार की स्थिति और संभावित प्रभाव
खनन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है।
सरकार के लिए भी यह राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। अगर इस क्षेत्र को लेकर कोई नकारात्मक बयान आता है तो यह निवेशकों और व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। हालांकि अभी तक राज्य सरकार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।खनन कारोबारियों के इस विरोध के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार और त्रिवेंद्र सिंह रावत इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं क्या यह मामला और तूल पकड़ेगा या फिर इसे सुलझाने की कोई कोशिश होगी यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो पाएगा।