पौड़ी/ इन दिनों सोशल मीडिया पर एक महिला द्वारा वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक महिला बता रही है कि उसने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से चावल खरीदे थे। जिसमें प्लास्टिक के चावल निकल रहे हैं। इन चावलों को जब महिला ने जलाया तो वो चावल पिघल गए। इस पूरे घटना का महिला ने वीडियो बनाया। इसके बाद इसे वायरल कर दिया।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद इस पर राज्य के खाद्य विभाग का स्पष्टीकरण आ गया है। पौड़ी गढ़वाल के क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी विजय डोभाल ने बताया कि वीडियो में दिखाये जा रहे चावल प्लास्टिक के चावल नहीं बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिये लाभप्रद विशेष रूप से तैयार किये गये ‘फोर्टिफाइड’ चावल हैं। इनके माध्यम से दैनिक आहार में आयरन, विटामिन एवं फोलिक एसिड की मात्रा का संतुलित बना रहता है।
इस चावल को एफएसएसएआई के द्वारा निर्धारित मापदंडों के मुताबिक सामान्य चावल में मिलाया जाता है। बीते कुछ वर्षों से केंद्र सरकार के निर्देश पर सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को यह चावल वितरित किये जा रहे हैं। उन्होंने उपभोक्ताओं से अनुरोध किया कि इन चावलों के अलग न फेंके, बल्कि उनका नियमित रूप से सेवन करें।
फोर्टिफाइड चावल को सामान्य चावल को पीसकर उसमें एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित मापदंडों के मुताबिक आयरन, विटामिन बी-12 एवं फोलिक एसिड मिलाकर मशीनों से चावल के आकार में बनाया जाता है। प्रति 100 किलो चावल में एक किलो फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है। इसलिये यह चावल आयरन, विटामिन एवं फोलिक एसिड जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त होते हैं।
आयरन, एनीमिया यानी खून की कमी के रोग से बचाव में सहायक होने के साथ फॉलिक एसिड व खून बनाने में सहायक तथा विटामिन बी-12 नर्वस सिस्टम के सामान्य कामकाज में सहायक होता है। एफएसएसएआई के मानकों के मुताबिक आज कल दूध भी फोर्टिफाइड होता है।
पोषक तत्वों को मिलाये जाने के कारण फोर्टिफाइड चावल का रंग और आकार सामान्य चावल के दानों से थोड़ा अलग हो जाता है और यह देखने में प्लास्टिक की तरह लगते हैं और पकने के बाद थोड़े कड़क भी दिखते हैं। परन्तु इनका स्वाद आम चावल की तरह ही होता है। इन्हें मुट्ठी में दबाकर लड्डू जैसे गोल भी बना सकते हैं। पके फोर्टिफाइड चावल में 80 प्रतिशत स्टार्च के साथ कार्बोहाइड्रेट और पोटैशियम की मात्रा भी अधिक होती है जिससे यह चिपकता है।