चमोली/ उच्च हिमालय में विराजमान चर्तुथ केदार भगवान रुद्रनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 18 अक्टूबर 2023 को ब्रहम मुहत में विधि विधान व पूजा के उपरान्त बन्द किए जायेगें पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक 6 माह शीतकाल में भगवान की पूजा देव ऋषि, वनदेवताओं द्वारा की जाती है भगवान की चल विग्रह, डोली मन्दिर से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास हेतु मौलीखर्क पहुंचेगी।
19 अक्टूबर प्रातः डोली प्रस्थान कर पुंग, बुग्याल चन्द्राकोटी से होते हुए राजभोग ज्वाला देवी मन्दिर राजा सगर की तपस्थली सगर गांव में पहुंचेगी जहां ग्रामवासियों द्वारा फूलमालाओं से डोली का भव्य स्वागत कर पूजा अर्चना की जायेगी और इसके बाद गांव से विदा होकर डोली रात्रि प्रवास के लिए नन्दादेवी मन्दिर गंगोलगाँव में पहुंचेगी।
20 अक्टुबर राजभोग के उपरान्त डोली गाँव से विदा होकर पेट्रोलपम्प, गणेशमन्दिर, बसस्टैण्ड होते हुए गोपीनाथ मन्दिर पहुंचेगी तथा स्वागत सत्कार के बाद गोपीनाथ मन्दिर गर्भ ग्रह में विराजमान हो जायेगी भगवान रुद्रनाथ मन्दिर के पुजारी जनार्दन प्रसाद तिवाड़ी व हक हककु धारी सत्येन्द्र रावत ने अवगत कराया कि इस पुण्य कार्य में सहभागी बनकर पुण्य अर्जित करें भगवान के दर्शन हेतु अधिकाधिक सम्मिलित होंगे।