पहलगाम आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अस्थियां हुई गंगा में विसर्जित फूट-फूट कर रोए पिता।

न्यूज 13 प्रतिनिधि हरिद्वार

हरिद्वार/ जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अस्थियां हरिद्वार पहुंची। शुक्रवार को उनके परिजन अस्थियां लेकर हरिद्वार पहुंचे थे और नम आंखों से अस्थियों को मां गंगा में विसर्जित किया। टेकचंद पचभैया गद्दी के तीर्थ पुरोहित सूरज ने विधि विधान के साथ अस्थि कर्म संपन्न कराया।

आतंकी हमले में शही विनय नरवाल की अस्थियां गंगा में विसर्जित

शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अस्थियां गंगा में विसर्जित
पिता राजेश नरवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वो अपने देश और देशवासियों का धन्यवाद अदा करना चाहते हैं कि इस दुख की घड़ी में सब उनके साथ खड़े हैं।

यह भी पढ़ें 👉 अगले हफ्ते से शुरू हो रही है आदि कैलाश की यात्रा इस दिन से शुरू होंगे इनर लाइन परमिट।

सरकार और प्रशासन ने भी उनके परिवार को ढांढस बधाया और सांत्वना दी। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि उनका बेटा तो शहीद हो गया लेकिन भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। हालांकि सरकार द्वारा आतंकियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्हें किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। बेटे के ग़म में वो और उनका परिवार टीवी और सोशल मीडिया से दूर हैं। उन्होंने बताया कि पहलगाम में किस तरह से क्या घटना घटी इसे वो बयां नहीं कर सकते हैं। उनका बेटा और पुत्रवधु वहां गए हुए थे। अस्थि विसर्जन में विनय नरवाल के चाचा, मामा, भाई और कई परिजन हरिद्वार पहुंचे थे।

यह भी पढ़ें 👉 उत्तराखंड में यहां टीकाकरण के चंद घंटों बाद शिशु की हुई मौत परिजनों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप।

हर की पौड़ी पर स्थानीय विधायक मदन कौशिक, तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित सहित तमाम लोगों ने शहीद विनय नरवाल को श्रद्धांजलि दी।

ब्रह्मकुंड पर फूट फूट कर रोए पिता

बेटे को खोने का गम पूरे परिवार को है। तीर्थ पुरोहितों ने अस्थि कर्म संपन्न कराने के बाद पिता राजेश नरवाल को अस्थियां विसर्जित करने के लिए कहा। राजेश नरवाल पूरे परिवार को हिम्मत रखने का दिलासा देते रहे।

यह भी पढ़ें 👉 उत्तराखंड में यहां गहरी खाई में गिरी कार एक की मौत अन्य 8 गंम्भीर घायल।

लेकिन जब उन्होंने बेटे की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया तो वो खुद को रोने से रोक नहीं पाए। अस्थियां प्रवाहित होते ही वो गंगा में खड़े होकर फूट फूट कर रोने लगे। उन्हें रोता देखकर पूरा परिवार और आसपास के लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। गमगीन माहौल में अस्थियों तो विसर्जित हो गई लेकिन आतंकियों के खिलाफ आंखों में अलग ही गुस्सा नजर आया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *