श्रीनगर, नगर निगम में वित्तीय अनियमितताओं की गूंज नगर आयुक्त के खिलाफ जांच की मांग।

न्यूज 13 प्रतिनिधि पौड़ी

श्रीनगर/ पौड़ी जनपद के श्रीनगर गढ़वाल में नगर पालिका को पहली बार नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद नगर निगम की जिम्मेदारी प्रशासक को सौंपी गई थी। प्रशासक के तौर पर उप जिलाधिकारी नूपुर वर्मा को नगर निगम के समस्त विकास कार्यों की वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तिया प्रदान की गई थीं। परन्तु अब इन कार्यों को लेकर भारी वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आ रहे हैं।

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श्रीनगर नगर निगम की प्रथम निर्वाचित मेयर आरती भंडारी ने प्रशासक काल के दौरान हुए कार्यों को लेकर नगर आयुक्त नूपुर वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका आरोप है कि नूपुर वर्मा ने विकास कार्यों में नियमों की अनदेखी करके मनमाने तरीके से ठेके दिए जिसमें कई बाहरी फर्मों को बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए कार्य सौंपा गया।

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यह फर्में हरिद्वार, रुड़की और सहारनपुर की हैं, जबकि स्थानीय ठेकेदारों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।

कूड़ा निस्तारण और प्रदूषण पर भी सवाल

आरती भंडारी ने आरोप लगाया कि प्रशासक काल में नगर निगम का कूड़ा सीधे अलकनंदा नदी के तट पर फेंका जाता था। न तो डंपिंग जोन की कोई व्यवस्था थी और न ही कूड़े के वैज्ञानिक निस्तारण की। जैविक और अजैविक कचरे को जलाया गया जिससे पूरे शहर में दुर्गंध फैल गई। इस मुद्दे पर स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ता लखपत सिंह भंडारी ने भी विरोध दर्ज कराया था।

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स्ट्रीट लाइट और मेला आयोजन में भ्रष्टाचार के आरोप मेयर ने यह भी कहा कि प्रशासक काल में लगाई गई स्ट्रीट लाइटें गुणवत्ता विहीन हैं और इनके लिए भी किसी बाहरी कंपनी को ठेका दिया गया। इसके अलावा श्रीनगर में दो बार आयोजित वैकुंठ चतुर्दशी मेले में भी भारी अनियमितताएं सामने आईं हैं। समारोहों और अतिथि सत्कार पर लाखों रुपये खर्च किए गए जिनकी कोई पारदर्शी रिपोर्ट नहीं है।

एसआईटी जांच की मांग

मेयर आरती भंडारी ने स्पष्ट किया कि जब तक प्रशासक काल के सभी कार्यों की एसआईटी जांच नहीं होती वे नगर निगम के अंतर्गत कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेंगी। उन्होंने नगर आयुक्त नूपुर वर्मा के तत्काल स्थानांतरण की भी मांग की है।

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उनके मुताबिक उनके पास पूर्व के कार्यों से जुड़ी सभी पुख्ता जानकारियों के साथ ही दस्तावेज भी हैं जो भ्रष्टाचार की पुष्टि करते हैं।

नगर आयुक्त नूपुर वर्मा का पक्ष

नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने प्रशासक काल के दौरान सभी निर्माण कार्य नियमों के तहत करवाए हैं। अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वे उनसे मिलकर बात कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की जांच के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं।

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