देहरादून/ काफी लंबे समय से खूब चर्चाओं में चल रहा उत्तराखंड का उद्यान विभाग का घोटाला अब राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गया है नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने ऑर्डर में तमाम आरोपों का जिक्र करते हुए रानीखेत से भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई का भी जिक्र किया था
इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिए थे जिसके बाद अब रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल ने अपना पक्ष रखा है।
हाईकोर्ट ने उद्यान घोटाले में सीबीआई जांच के दिए आदेश
उद्यान घोटाले में पूर्व उद्यान निदेशक बवेजा पर तमाम गंभीर
आरोप लगे हैं जिसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से एचएस बवेजा को उद्यान निदेशक के पद से निलंबित किया गया इसके बाद एसआईटी जांच भी की गई परन्तु मामला लगातार तूल पकड़ने लगा जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए और राज्य सरकार को भी इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए हैं
नियमों के तहत लगाए पेड़
विधायक प्रमोद नैनवाल ने हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि जो भी पेड़ उन्हें उद्यान विभाग द्वारा मिले हैं वे नियमों के आधार पर मिले हैं
जिसका प्रमाण पत्र खुद उद्यान विभाग ने उन्हें दिया है जो पेड़ उन्होंने उद्यान विभाग से लिए हैं वह एक कृषक समिति के तहत दिए गए हैं जिसमें सैंकड़ों किसान शामिल हैं और यह पेड़ कई एकड़ भूमि पर लगाए गए हैं जो कि आज अच्छी ग्रोथ पर हैं।
किसानों को मिल रहा लाभ
प्रमोद नैनवाल ने कहा कि उद्यान विभाग का कोई भी अधिकारी जांच कर सकता है कि जितने पेड़ लिए गए थे उतने लगाए गए हैं या नहीं उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लगाए गए पौधों का लाभ केवल एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी कृषक समिति में मौजूद किसानों को मिल रहा है।
नाम बदनाम करने और राजनीतिक हानि पहुंचाने की हो रही है कोशिश
विधायक प्रमोद नैनवाल ने कहा कि इस पूरे केस का मुख्य शिकायतकर्ता दीपक करगेती उनके ही बूथ के
निवासी हैं
और उन्होंने भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल के
खिलाफ निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था जिससे वे उनसे राजनीतिक द्वेष भावना रखते हैं उन्होंने कहा कि दीपक करगेती के द्वारा उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है वहीं याचिकाकर्ता दीपक करगेती का कहना है विधायक प्रमोद नैनवाल को हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।