पिथौरागढ़, नाबालिग से दुष्कर्म करके गर्भवती करने वाले शिक्षा विभाग के कर्मचारी को 20 साल के कठोर कारावास की मिली सजा।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि पिथौरागढ़

पिथौरागढ़/ विशेष सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) शंकर राज की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल का कठोर कारावास और 1.20 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को पांच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक मामला पिथौरागढ़ थाना क्षेत्र का है मामला वर्ष 2019 का है जिला मुख्यालय के नजदीक सिलौली निवासी शिक्षा विभाग में बाबू पद पर तैनात शमशेर बहादुर नगर में किराए के मकान में रहता था इस बीच पास की रहने वाली एक नाबालिग को अपने कमरे में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया आरोपी ने पीड़िता को धमकाते हुए उसको ब्लैकमेल करके उसके साथ कई बार शारिरीक संबंध बनाएं जिससे वह गर्भवती हो गई।

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पीड़िता के बीमार होने पर परिजनों को मामले का पता चला जिसके बाद उन्होंने आरोपी के खिलाफ पुलिस में तहरीर दी पूरे मामले में पिथौरागढ़ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ पोक्सो सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था।

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शनिवार को विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर ने सभी पक्षों, गवाहों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी शिक्षा विभाग के कर्मचारी शमशेर बहादुर को दोषी करार देते हुए 20 साल का कठोर कारावास और एक लाख 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई धारा 506 के तहत सात वर्ष कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है उन्होंने जुर्माने की राशि से 1.10 लाख रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं मामले की पैरवी डीजीसी फौजदारी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने की आरोपी वर्तमान समय में जेल में बंद है।

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