पिथौरागढ़/ जिले का सरमोली गांव इन दिनों सुर्खियों में है जिस गांव के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे वो पर्यटकों की पहली पसंद बन गया। सरमोली गांव को देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार मिला है। इसका श्रेय मल्लिका विर्दी को जाता है जिन्होंने गांव में सामुदायिक और प्रकृति पर्यटन की गांव में नींव रखी। दिल्ली में गांव को पुरस्कार मिला है और इससे पूरा गांव खुशी से झूम उठा है।
सरमोली गांव मुनस्यारी से लगा हुआ है और 22-23 सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सरमोली गांव में वर्ष 2004 से रखी गई थी सामुदायिक पर्यटन की नींव रखी गई थी। उस दौर में मुनस्यारी में सैलानियों की तादत अच्छी रहती थी परन्तु होटल सीमित थे। ऐसे में लोगों को ठहरने के लिए परेशान होना पड़ता था। मल्लिका विर्दी ने सरमोली गांव में होमस्टे शुरू करने का प्लान बनाया। उन्होंने इस प्लान को ग्रामीणों के साथ शेयर किया। उन्होंने अपने साथ महिलाओं को जोड़ा। खासबात ये है कि गांव को मल्लिका विर्दी का प्लान अच्छा लगा। मल्लिका विर्दी को उन्होंने दो बार सरपंच भी चुना।
मौजूदा वक्त में गांव में तीन दर्जन से ज्यादा होमस्टे संचालित होते हैं। बर्ड वॉचिंग के साथ पर्यावरण मेला भी लगता है। इसका हिस्सा बनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। होम स्टे के शुरू होने से लोगों के पास रोजगार के कई विकल्प खुल गए। टैक्सी चालक, बर्ड वाचिंग के गाइड, स्थानीय दुकानदार को इसका लाभ हुआ है।
बुधवार को प्रगति मैदान दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण पर्यटन की नोडल अधिकारी कामाक्षी माहेश्वरी ने मल्लिका विर्दी को पुरस्कार देकर
सम्मानित किया। इस बीच मल्लिका विर्दी ने कहा कि मुनस्यारी क्षेत्र में नैतिक और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई वर्षों से कई लोगों ने काम किया है। नेतृत्व असाधारण रहा है और समुदाय ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है।