देहरादून/ मुख्यमंत्री धामी ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर राज्य में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। फलदार के साथ ही औषधीय पौधों के रोपण पर विशेष ध्यान दिया जाय। वृक्षारोपण के लिए जन सहभागिता का होना जरूरी है। इसके लिए सामाजिक संगठनों व लोगों का पूरा सहयोग लिया जाए।
जल संरक्षण और जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया।
मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के प्रयास किये जाएं
सोमवार को मुख्यमंत्री ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखंड के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वन विभाग, पीडब्ल्यूडी द्वारा तैयार की गई अल्प, मध्य व दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा की। कहा जल संचय के लिए तालाबों के निर्माण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किये जाएं। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए लगातार प्रयास किये जाएं। वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कैम्पा के तहत होने वाले कार्यों में और तेजी लाई जाय। सुनिश्चित किया जाय कि कैम्पा के तहत प्राप्त हो रही धनराशि का समय पर व सही तरीके से उपयोग हो। वन सम्पदाओं से लोगों की आजीविका में वृद्धि करने की दिशा में लगातार प्रयास किये जाएं।
अखरोट, बांस एवं औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड में कार्य किये जाएं। बांज, सागोन, पॉपुलर को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किये जाएं। पिरूल नीति से लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए और प्रयास और प्रयास किए जाएं।
सड़कों के किनारे लगाए जाएं फलदार पेड़।
पीडब्ल्यूडी की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे विकास, मन्दिर माला मिशन के तहत हो रहे कार्यों सहित तमाम शहरों के विकास व भविष्य की सम्भावनाओं को देखते हुए सड़कों के निर्माण और विस्तार की दिशा में कार्य किये जाए।
तकनीकि सर्वे के साथ सड़कों के विकास के सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि सड़क निर्माण के साथ ही ड्रेनेज की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। ये सुनिश्चित किया जाए कि रोड कटिंग के समय प्राकृतिक जल स्रोत प्रभावित न हों। सड़कों के किनारे फलदार वृक्ष लगाये जाएं।
पुराने पुलों का किया जाए सर्वे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने बारिश से राज्य के कई मार्गों पर सड़क बाधित होने की स्थिति में पीडब्ल्यूडी द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली गई। निर्देश दिये कि बारिश के कारण यदि सड़क बाधित होती है तो उनको तुरंत सुचारू करने के लिए पूरी व्यवस्थाएं रखी जाएं। सभी पुराने पुलों का भी सर्वे किया जाए। सड़क निर्माण के लिए विभिन्न स्थानों पर जो वन भूमि के प्रकरण चल रहे हैं उनके समाधान के लिए कार्यों में और तेजी लाई जाय।
सड़कों के निर्माण व सुधारीकरण से संबंधित जो भी कार्य चल रहे हैं वे सभी निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जाए इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाय। सचिव को निर्देश दिए कि विभाग की ओर से केंद्र सरकार को जो भी प्रस्ताव भेजे जाने हैं वे शीघ्र उपलब्ध कराये जाएं। बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव डॉ पंकज कुमार, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक आदि मौजूद रहे।