रूद्रपुर/ करोड़ों की परियोजनाओं पर काम कर रहे जल निगम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। पेयजल निगम के अधिकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस की नीति पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शासन प्रशासन को जबाबदेह बनाने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ जल निगम के अधिकारी बेलगाम नजर आ रहे हैं और निगम में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचता जा रहा है। जिले में नल जल योजना को संचालित करने के लिए जल निगम के अधिकारियों द्वारा अपने मनमाने ढंग से कार्य कराए जाने के कारण कई इलाकों में पीने के पानी का संकट है।
अफसरों की मनमानी और लापरवाही के चलते कई जगह पाइप लाइनें बुरी हालत में हैं। कई बस्तियों में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं वहीं लीकेज के कारण कई स्थानों पर पानी की बर्बादी हो रही है। पेयजल निगम में कार्यरत अधीक्षण अभियंता वी के जैन, अधिशासी अभियंता सुनील जोशी की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में हैं। वह योजनाओं की जानकारी तक मीडिया को देने से कतरा रहे हैं। यहां तक कि जानकारी मांगने पर मीडिया कर्मियों से अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। मीडिया कर्मी जब उनसे उनका मोबाइल नंबर मांगते हैं तो वह साफ इनकार कर दते हैं। यही नहीं सूचना अधिकार के माध्यम से भी विभागीय सूचना देने में टालमटोल किया जा रहा है।