उत्तरकाशी/ मारपीट करने के मामले में जेल गए बड़कोट के नवनियुक्त नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल और उनके सहयोगी अंकित रमोला का पहले भी आपराधिक इतिहास रह चुका हैं ये दोनों कोई पहली बार जेल नहीं गए हैं।
बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल लैंड फ्रॉड मामले में पहले जेल गए थे वहीं अंकित रमोला चर्चित हाकम सिंह नकल प्रकरण में जेल जा चुका हैं जो अभी वहां से बेल पर है।
सोचने वाली बात ये हैं कि पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल ने 20 दिन पहले ही शपथ ग्रहण किया था लेकिन इस घटना ने उनके कार्यकाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता में इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी है और जनप्रतिनिधि होने के बावजूद इस तरह की हरकत को जनता के विश्वास के साथ धोखा माना जा रहा है। उत्तराखंड कुछ इस तरह चल रहा हैं कि पहले खनन करके पैसा कमाओ फिर पैसे से सत्ता पाओ फिर सत्ता से खनन करो।
सोचने वाली बात ये भी हैं कि आखिर आपराधिक प्रवृति के नेताओं को जनता का समर्थन किस प्रकार प्राप्त होता हैं जो वो कुर्सी तक पहुंच कर और अपराध करने में सक्षम हो जाते हैं। हालांकि फिलहाल सिविल जज (जूनियर डिवीजन) पुरोला मीनाक्षी शर्मा की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करके टिहरी जेल भेज दिया हैं।
क्या है पूरा मामला
अवैध खनन की सूचना
मंगलवार देर रात प्रवीन रावत नामक युवक देहरादून से बड़कोट लौट रहा था। रास्ते में उसने 112 हेल्पलाइन पर कॉल करके यमुनोत्री विधायक के भाई और नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल द्वारा यमुना नदी में अवैध खनन की सूचना दी।
पालिका अध्यक्ष की दबंगई
सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर पहुंचे तभी विनोद डोभाल अपने समर्थकों के साथ वहां आ गया और पुलिस से पोकलैंड मशीन की चाबी छीन ली
उसने अपने ड्राइवर को आदेश दिया कि मशीन को निकालकर ले जाओ और पुलिस से जो बन पड़े करने दो।
युवक पर किया हमला
इसके बाद आरोप है कि विनोद डोभाल ने प्रवीन रावत और उसके साथियों को ढूंढकर उनकी गाड़ी को तीन-चार बार टक्कर मारी। प्रवीन रावत ने दावा किया कि पालिका अध्यक्ष की मंशा उनकी गाड़ी को पहाड़ी से धक्का देने की थी लेकिन सूझबूझ से उन्होंने वाहन को पहाड़ की तरफ मोड़ दिया और जान बचाई।
पुलिस हस्तक्षेप और गिरफ्तारी
पुलिस ने बीच-बचाव किया जिसके बाद पालिका अध्यक्ष फरार हो गया लेकिन बाद में पुलिस ने उसे और उनके सहयोगी अंकित रमोला को गिरफ्तार कर लिया।