आयुक्त ग्राम्य विकास की बड़ी कार्रवाई, वित्तीय अनियमितता बरतने वाले,3 खंड विकास अधिकारियों को किया सस्पेंड।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि उधमसिंहनगर

उधमसिंहनगर/ मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा ने बताया कि आयुक्त ग्राम्य विकास द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए 3 कार्मिकों को निलम्बित किया गया हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सहायक खण्ड विकास अधिकारी विकास खण्ड रूद्रपुर नवीन चन्द्र उपाध्याय को जांच समिति की जांच आख्या के आधार पर प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन किये जाने हेतु

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उल्लिखित तथ्यों एवं उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के आधार पर उत्तराखण्ड शासन कार्मिक अनुभाग-2 की अधिसूचना संख्या 237/ कार्मिक-2 / 2003-55 (25) / 2002 दिनांक 06 मार्च, 2003 के नियम – 4 ( 1 ) की व्यवस्थानुसार तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। निलम्बन अवधि में नवीन को मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय नैनीताल में सम्बद्ध किया गया है।

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उन्होंने बताया कि सहायक खण्ड विकास अधिकारी रूद्रपुर / तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी खटीमा दिनेश चन्द्र गुरूरानी को जांच समिति की जांच आख्या के आधार पर तद्समय प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन किये जाने हेतु उल्लिखित तथ्यों एवं उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के आधार पर उत्तराखण्ड शासन कार्मिक अनुभाग-2 की अधिसूचना संख्या 237 / कार्मिक – 22003 – 55 (25) / 2002 दिनांक 06 मार्च, 2003 के A + 44 – 4 (1) की व्यवस्थानुसार तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। निलंबन अवधि में गुरुरानी को मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय नैनीताल में सम्बद्ध किया गया है।

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उन्होंने बताया कि लेखाकार विकास खण्ड खटीमा सुन्दर सिंह रौकली को जांच समिति की आख्या के आधार पर लेखाकार के रूप में कार्य करते हुए वित्तीय एवं प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन किये जाने हेतु उल्लिखित तथ्यों एवं उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के आधार पर उत्तराखण्ड शासन कार्मिक अनुभाग 1-2 की अधिसूचना संख्या 237 / कार्मिक- 22003-55 (25) / 2002 दिनांक 06 मार्च, 2003 के A+4+ – 4 (1) की व्यवस्थानुसार आपको तत्काल प्रभाव निलम्बित किया गया है। निलम्बन अवधि में रोकली को मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय नैनीताल में संबद्ध किया गया है।

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निलम्बन अवधि में सभी को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड भाग-2 के मूल नियम 1 2 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महगांई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह के साथ कोई महगांई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ कोई मंहगाई भत्ता अथवा मंहगाई भत्ता का उपातिक समायोजन प्राप्त नहीं था।

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निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होगें जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।

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