चमोली,कौशलम में हो स्थानीय संसाधनों का भरपूर प्रयोग: पद्मश्री कल्याण सिंह रावत।उद्यम लर्निंग फाउंडेशन द्वारा चयनित 46 विद्यालयों को रुपए 5000 की सहयोग राशि प्रदान की।
चमोली/उत्तराखंड में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है यहां पर कौशल विकास कार्यक्रम स्थानीय संसाधनों का भरपूर प्रयोग करते हुए होने चाहिए l पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने यह बात एकदिवसीय जिला स्तरीय कौशलम प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली( गौचर) के सभागार में बतौर मुख्य अतिथि कही।जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली( गौचर) में एक दिवसीय जिला स्तरीय कौशलम् प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन कौशल आधारित कौशलम् पाठ्यक्रम के अंतर्गत किया गया, जो कि पिछले तीन वर्षों से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
प्रदर्शनी में जनपद चमोली के 24 माध्यमिक विद्यालयों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमशील मानसिकता और 21वीं सदी के आवश्यक कौशलों का विकास करना था ताकि वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें।
उद्यम लर्निंग फाउंडेशन द्वारा जनपद के चयनित 46 विद्यालयों को ₹5000 की सहयोग राशि प्रदान की गई थी, जिसकी सहायता से छात्र-छात्राओं ने विभिन्न रचनात्मक और उपयोगी उत्पादों का निर्माण किया। इन उत्पादों को 3P सिद्धांत — People (जन), Planet (पृथ्वी), Profit (लाभ) को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया।
प्रदर्शनी में कुल 19 चयनित विद्यालयों ने भाग लिया और अपने-अपने उत्पादों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जोशीमठ की छात्रा अनामिका ने बताया कि कौशलम् पाठ्यक्रम से उन्हें यह समझने में मदद मिली है कि यदि भविष्य में उन्हें सरकारी नौकरी न भी मिले, तो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते हैं, और दूसरों को भी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं।वही कोटी चांदपुर की खुशी बताती हैं की कौशलम पाठ्यक्रम आने के बाद उनके अंदर आत्मविश्वास स्वतंत्र सोच का विकास हुआ हैं। कार्यक्रम में विद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने और नवाचार को बढ़ावा देने वाले दस शिक्षकों को “उद्यमशील शिक्षक प्रमाण पत्र” से सम्मानित किया गया।
सम्मानित उद्यमशील पुरस्कार शिक्षिका निमिषा थपलियाल , , धन सिंह घरिया ,दिनेश कुनियाल, प्रतिभा नेगी, ब्रह्मानंद किमोठी, दशरथ कंडवाल ,कृपाल भंडारी, पुष्पा कनवासी,हरिप्रसाद खंडूरी और ममता गुसाईं को प्रदान किया गया l प्रदर्शनी में आयोजित प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया गया,
प्रथम स्थान राजकीय इंटर कॉलेज, कनखुल की बालिका अंकिता द्वितीय स्थान राजकीय इंटर कॉलेज कोटि चांदपुर की छात्रा खुशी रावत एवं तृतीय स्थान राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जोशीमठ की अनामिका और नेहा ने प्राप्त किया l
कार्यक्रम के समापन सत्र पर अपनी बात रखते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली गौचर के प्राचार्य आकाश सारस्वत ने कहा कि कौशलम राज्य सरकार का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जो बच्चों के अंदर उद्यमशील मानसिकता का विकास करेगा और वह नौकरी करने के बजाय नौकरी देने वाले बन सकेंगे कार्यक्रम में जिला समन्वयक सुबोध कुमार डिमरी, सह-समन्वयक डॉ. कमलेश मिश्र, जिला पर्यवेक्षक तेजेंद्र रावत, डायट प्रवक्ता श्री राजेंद्र मैखुरी, रविंद्र सिंह बर्त्वाल, वीरेंद्र कठैत, नीतू सूद सुमन भट्ट योगेंद्र सिंह बर्त्वाल गोपाल प्रसाद कपरूवाण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के जिला समन्वयक सुबोध कुमार डिमरी ने बताया कि इस प्रदर्शनी ने न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा को एक मंच दिया, बल्कि उनमें आत्मनिर्भरता, नवाचार और व्यावसायिक सोच को भी प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम की सभी उपस्थित शिक्षकों, अधिकारियों व आगंतुकों द्वारा सराहना प्राप्त हुई। जिला पर्यवेक्षक तेजेंद्र रावत ने बताया कि यह पाठ्यक्रम उत्तराखंड में लगातार हो रही पलायन की समस्या को देखते हुए बनाया गया है इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना है एवं अपने आसपास की समस्याओं को देखकर कैसे रोजगार स्थापित किया जा सकता है उसको लेकर यह पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक सुबोध कुमार डिमरी और उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के जिला समन्वयक तेजेंद्र रावत द्वारा संयुक्त रूप से किया गया l