चौखुटिया/ विकासखंड की 30 मांगों को लेकर शनिवार को गेवाड विकास समिति के बैनर तले जुलूस, प्रदर्शन ,धरने के बाद आरती घाट पर रक्त (खून) से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री,राज्यपाल सहित जजों को भेजे गए।खून से लिखे पत्रों में क्षेत्र की शिक्षा,स्वास्थ्य ,विद्युत, यातायात,पेयजल, सिंचाई आदि समस्याओं के समाधान की मांग की गई।
आरती घाट पर एकत्रित होकर गेवाड़ विकास समिति के सदस्यों,विभिन्न गांव से पहुंचे ग्रामीणों ने अपना खून देकर पोस्टकार्ड पत्रों पर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लिखा गया। तथा प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, राज्यपाल को भेजे गए।पत्रों में कहा गया की बार-बार मांग, जुलूस, धरना, प्रदर्शन के बाद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।
जनता मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है।शीघ्र समस्याओं के समाधान की मांग की गई। खून देने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगी रही तथा नारेबाजी भी की गई। समस्याओं के समाधान को सडक पर उतरी जनता किया धरना- प्रदर्शन ,निकाला जुलूस
चौखुटिया, क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के लिए संघर्षरत गेवाड विकास समिति के बैनर तले ऐतिहासिक भीड ने क्रांतिवीर चौराहे पर एकत्रित होकर एक दिवसीय धरना दिया। तथा प्रदर्शन किया। साथ ही क्रांतिवीर चौराहे से मुख्य बाजार होते हुए चांदीखेत तक नारेबाजी के साथ जुलूस निकाला गया। धरना स्थल पर आम सभा की गई। धरना स्थल पर उप जिलाधिकारी सुनील कुमार राज को जिलाधिकारी ,मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौपा गया।
गेवाड़ विकास समिति के बैनर तले 30 सूत्रीय मांगों को लेकर विकासखंड के विभिन्न ग्राम पंचायतों से सैकड़ो की तादाद में पहुंचे ग्रामीणों क्रातिवीर चौराहे पर एकत्रित हुए। तत्पश्चात धरना स्थल क्रांतिवीर चौराहे से मुख्य बाजार होते हुए चांदीखेत तक बैनर, पोस्टर, नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला गया।तथा एक दिवसीय धरना देने के साथ प्रदर्शन किया गया। इस दौरान हुई आमसभा में वक्ताओं ने नाराजगी जताते हुए कहा लगातार प्रदेश मुख्यमंत्री से लेकर संबंधित मंत्रियों व अधिकारियों से व्यक्तिगत,लिखित समस्याएं अवगत कराने के बावजूद भी समाधान नहीं हो रहा है। मजबूरन जनता को समस्याओं के समाधान के लिए सड़कों में उतरना पड़ रहा है।कहा धरना- प्रदर्शन के माध्यम से सरकार व विभाग के अधिकारियों को चेताने का प्रयास किया जा रहा है।
समय रहते समस्याओं का समाधान नहीं किया गया अनिश्चितकालीन निर्णायक आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। आंदोलनकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में मुख्य रूप से रामनगर-चौखुटिया रेल लाइन, राजकीय महाविद्यालय चौखुटिया में बीएससी,बी काम की कक्षाएं चलाने, पीजी का दर्जा देने, आईटीआई मासी में कंप्यूटर (कोपा), फैशन डिजाइन ट्रेड खोलने, विकासखंड में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना, पर्यटक आवास गृह का निर्माण, सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति सहित विकासखंड गैरसैण व चौखुटिया को मिलाकर स्मार्ट सिटी बनाने की मांगों को प्रमुखता से रखा गया है।समिति का कहना है कि पिछले एक वर्ष से 30 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है।
लेकिन गंभीरता से विकासखंड की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। कहा अब विकासखंड की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। समय वध्द समस्याओं के समाधान नहीं होने पर एक माह के बाद निर्णायक आंदोलन करने की चेतावनी दी गई। बीस दिन बाद होगा आन्दोलन
चौखुटिया, आन्दोलन स्थल पर उप जिलाधिकारी सुनील कुमार ने आंदोलनकारियों को अवगत किया कि जिलाधिकारी समिति सदस्यों से दो सप्ताह की भीतर चौखुटिया में समस्याओं पर वार्ता के लिए पहुचगें। वहीं क्षेत्रीय विधायक मदन बिष्ट ने दूरभाष पर आंदोलनकारियों से 20 दिन का समय मांगा गया। जिलाधिकारी से वार्ता तक व विधायक के आश्वासन के चलते आज से घोषित क्रमिक अनशन व धरने को 20 दिन के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया। राज्य आन्दोलनकारियों को किया सम्मानित
चौखुटिया, राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर धरना स्थल पर गेवाड विकास समिति ने राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर राज्य आन्दोलनकारी संगठन अध्यक्ष परमानंद कांडपाल, भगवत सिंह रावत ,यू एस नेगी आदि राज्य आंदोलनकारी रहे। रहे मौजूद
धरना-प्रर्दशन, जुलूस में मुख्य रूप से समिति अध्यक्ष गजेंद्र सिंह नेगी, ब्लॉक प्रमुख किरण बिष्ट,जिलापंचायत सदस्य रमा देवी, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, उपपा अध्यक्ष पी सी तिवारी,गणेश नायक, सदानंद पांडे, कुबेर कठायत,प्रकाश उपाध्याय, राम बहादुर ,गणेश गैरोला, रमेश गोस्वामी ,गिरीश चन्द्र,दिनेश मनराल,जीवन सिंह नेगी,
हीरा बिष्ट,नन्दन सिंह मेहरा,विपिन शर्मा ,जे सी त्रिपाठी,हेम काण्डपाल,गोपाल गिरी,बिंदेश्वरी पांडे,एल डी मठपाल, शिव कुमार,मुकेश पाण्डे,महेश लाल वर्मा,पवन पाण्डे,भगवत रावत,राजेन्द्र काण्डपाल,एल डी मठपाल, दीपिका देवतल्ला,सविता जोशी, प्रेमा गोस्वामी, तारा फुलोरिया, मदन कुमंया,नंदन सिंह कुमंया,रघुवर नैनवाल,परमानंद काण्डपाल, माधो सिंह, सुन्दर लाल,पार्वती देवी,विमला देवी, राधा देवी,शोबन सिंह आदि रहे।