लालकुआं >> तेजतर्रार अधिकारियों के होने के बावजूद भी वनों को लूटने में सफल है तस्कर, वन विभाग के चंद सालों में मालामाल हुए वन अधिकारियों की सम्पत्ति की इस दल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर जांच कराने की कही बात।
लालकुआं >> तेजतर्रार अधिकारियों के होने के बावजूद भी वनों को लूटने में सफल है तस्कर, वन विभाग के चंद सालों में मालामाल हुए वन अधिकारियों की सम्पत्ति की इस दल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर जांच कराने की कही बात।
लालकुआं/ उत्तराखंड वन महकमा अपने तेजतर्रार अधिकारियों सहित भारी-भरकम अमले के बावजूद कई मामलों में लकड़ी तस्करों तक पहुंचने में अब तक नाकामयाब साबित हुआ है हाल ही में कई अवैध लकड़ी एवं खनन के वाहन तो वन विभाग ने पकड़े परन्तु लकड़ी व खनन चालकों और उसमें शामिल तस्करों को पकड़ने में हमेशा की तरह विफल साबित रहा है जो कहीं ना कहीं विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।
बीते वर्ष लालकुआं नगर के मुख्य बाजार में स्थित वन विभाग की कार्यशाला परिसर में खड़े 30 साल पुराने चंदन के पेड़ को तस्करों ने रात में काट दिया। हालांकि पुलिस के सायरन की आवाज सुनकर तस्कर चंदन की काटी गई लकड़ी लिए बगैर ही फरार हो गए। तराई केन्द्रीय वन प्रभाग की इस कार्यशाला परिसर में दर्जन भर से अधिक वनकर्मी और अधिकारियों के परिवार निवास करते हैं सुबह जैसे ही बीट के अधिकारी ने कटा हुआ चंदन का पेड़ देखा तो हड़कम्प मच गया आनंन फानन में बीट अधिकारी ने इसकी सूचना वन विभाग के उच्चाधिकारियों को दी। जिसके बाद मौके पर पहुचे तराई केंद्रीय वन प्रभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा घटनास्थल का मुआयना करते हुए मामले की जांच के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिए। बावजूद तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टाड़ा रेंज की कार्यशाला परिसर में कांटे गए 30 साल पुराने विशालकाय चंदन के वृक्ष का दोहन करने वाले तस्कारों का एक साल बीत जाने बाद भी पता नही लग पाया है। जो अपने आप में सोचने का विषय है। जबकि वन महकमें में कई तेजतर्रार और काबिल अधिकारी मौजूद हैं।
सिलसिला यहीं नही रुकता इसके कुछ महीने बाद ही टाड़ा रेंज के जंगल में घुसकर सगौन के भी कई पेड़ काटे गए परन्तु उसमें भी नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा लालकुआं तराई केन्द्रीय वन प्रभाग के टाड़ा रेंज वन तस्करों का गढ़ बनता जा रहा है और विभागीय अधिकारी अपने एअरकंडीशनर कमरों में बैठकर बाखूबी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि मामला एक रेंज का हो इधर तराई पूर्वी वन प्रभाग के डौली रेंज के निरीक्षण भवन के समीप लगे दो चंदन के पेड़ों को भी बीते कुछ महीनों पूर्व तस्करों ने काटकर वन महकमें को चुनौती दे डाली घटना की सूचना मिलते ही सुबह मौके पर पहुंचे वन कर्मियों को काटे गए पेड़ों के गिल्टे जमीन पर पड़े मिले इसके बाद सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। वन क्षेत्राधिकारी के मुताबिक वन विभाग ने काटे गए पेड़ों की पूरी लकड़ी बरामद कर ली है वन विभाग तभी से इस मामले में तफ्तीश कर रहा है परन्तु यहां भी नतीजा शून्य ही निकला।फिलहाल वन महकमें की बड़ी लापरवाही के चलते ऐसा लग रहा है कि यदि इसी तरह से बेशकीमती चंदन और सागौन के पेड़ों का तस्कर दोहन करते रहे तो वो दिन दूर नही होगा जब क्षेत्र से चंदन और सागौन के पेड़ों को विलुप्त होते अधिक समय नहीं लगेगा।
उधर सुराज सेवा दल के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह अधिकारी ने वन विभाग के विभिन्न मामलों में लापरवाही पर बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुऐ चंद सालों में करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने वन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री से की है उन्होने कहा कि इसके लिए जल्द ही सूबे के मुख्यमंत्री से मिलकर उनके द्वारा ज्ञापन भी सौपा जायेगा।