उत्तर प्रदेश/ लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद से ही सियासी माहौल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुकूल नहीं दिखाई दे रहा है। तमाम तरह की चर्चाओं के बीच भाजपा संगठन में योगी आदित्यनाथ की पकड़ इस बीच ढीली पड़ती दिखाई दे रही है। राज्य भाजपा में सियासी रार फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बृहस्पतिवार को बुलाई गई बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या फिर नहीं पहुंचे।
जबकि वे मुख्यमंत्री आवास के बगल में ही स्थित अपने सरकारी आवास पर रहे और कई पूर्व व वर्तमान मंत्रियों से भी मुलाकात की। केशव के बैठक में नहीं पहुंचने को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। दरअसल मुख्यमंत्री मंडलवार भाजपा और सहयोगी दलों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ने मेरठ और प्रयागराज मंडल की बैठक बुलाई थी। प्रयागराज मंडल की बैठक में भाजपा के साथ अपना दल (एस) के विधायक भी पहुंचे थे परन्तु उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या नहीं पहुंचे जबकि वह लखनऊ में ही थे।
बैठक में पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी समेत सभी विधायक पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से विधानसभावार लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर चर्चा की और हार के कारणों की जानकारी ली। बता दें कि लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही केशव मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होने वाली किसी भी बैठक में नहीं रहे हैं।
यहां तक वह कैबिनेट की बैठकों से भी दूरी बनाए हुए हैं ऐसे में सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। ्केशव के एक करीबी का कहना है कि जिस वक्त मुख्यमंत्री की बैठक थी उस वक्त उप मुख्यमंत्री का कहीं एक और कार्यक्रम था इसलिए वे बैठक में नहीं पहुंच पाए।