परगना द्वाराहाट, चौखुटिया, अल्मोड़ा के कल से होने वाली परीक्षा के मद्देनजर सभी परीक्षा केंद्रों पर धारा–144 प्रभावी

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि अल्मोड़ा

अल्मोड़ा/ उप जिला मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा गोपाल सिंह चौहान व उप जिला मजिस्ट्रेट द्वाराहाट जयवर्धन शर्मा ने बताया कि उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद्, रामनगर की 16 मार्च कल से हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं जो आगामी 06 अप्रैल 2023 तक चलेंगी। इस बीच कतिपय असामाजिक तत्वों द्वारा परगना अल्मोड़ा व तहसील द्वाराहाट एवं चौखुटिया के अन्तर्गत आने वाले परीक्षा केन्द्रों पर शान्ति एवं कानून व्यवस्था भंग किए जाने की सम्भावना है।

यह भी पढ़ें 👉 मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में, जनता को यथोचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कराने की मांग को लेकर किया आमरण अनशन, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से आश्वासन के बाद अनशन समाप्त।

इसी को देखते हुए परगना अल्मोड़ा व परगना द्वाराहाट के तहसील द्वाराहाट एवं तहसील चौखुटिया के परीक्षा केन्द्रों में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के प्राविधानों के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
निषेधाज्ञा आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति परगना द्वाराहाट क्षेत्रान्तर्गत पड़ने वाले समस्त परीक्ष केन्द्रों के 200 मीटर की परिधि के अन्दर अस्त्र-शस्त्र, अग्नेयास्त्र, धारदार हथियार, लाठी डन्डा लेकर नहीं चलेगा किन्तु यह आदेश सुरक्षा बलों, शान्ति व्यवस्था में लगे कार्मिकों, अर्द्धसैनिक बलों, पीएससी पर लागू नहीं होगा।

यह भी पढ़ें 👉 77 हजार करोड़ का बजट, नौजवानों के क्रोध को ठंडा करने से लेकर, @ 2025 के लिए नमो विजन पर चलने को तैयार धामी सरकार, परन्तु विकास की सरपट दौड़ के लिए रोड ब्लॉक।

परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर की परिधि के अन्दर किसी भी बाहरी व्यक्ति की प्रविष्टि निषिद्ध होगी किन्तु यह आदेश परीक्षार्थी एवं शान्ति व्यवस्था में तैनात पुलिस बलों आदि व परीक्षा केन्द्र पर डयूटी में तैनात प्राधिकत व्यक्तियों एवं राहगीरों पर प्रतिबन्धित नहीं है। परीक्षा केन्द्र के आसपास परीक्षा को प्रभावित करने के उद्देश्य से 5 या इससे अधिक व्यक्ति एक झुण्ड बनाकर एक स्थान पर एकत्रित नहीं हों पाएंगे। धार्मिक कार्यक्रमों, शादी विवाह तथा शव यात्रा इस आदेश से मुक्त रहेंगी।

यह भी पढ़ें 👉 भगतसिंह कोश्यारी आए सवालों के घेरे में, सुप्रीम कोर्ट ने कोश्यारी की भूमिका पर उठाए सवाल, महाराष्ट्र के राज्यपाल रहते हुए क्या विश्वास मत बुलाने के लिए कोई संवैधानिक संकट था।

उन्होंने बताया कि समयाभाव के कारण विस्तृत जांच सम्भव नहीं है इसलिए यह आदेश एक पक्षीय पारित किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन भादवि की धारा 188 के तहत दण्डनीय अपराध होगा। उन्होंने बताया कि यह आदेश परीक्षा समाप्ति अथवा उससे पूर्व यदि वापस न लिया जाय तब तक प्रभावी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *