रुद्रपुर/ उत्तराखंड के रुद्रपुर में छेड़छाड़ की घटना ने एक 18 वर्षीय छात्रा की जिंदगी को झकझोर कर रख दिया। 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली इस छात्रा ने डर के मारे स्कूल और कोचिंग जाना छोड़ दिया है। यह घटना सरकार के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता पर सवाल खड़े कर रही है जिसका मकसद बेटियों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा दिलाना है।
पीड़िता की मां ने सोमवार को थाना ट्रांजिट कैंप में आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी ने हाल ही में 12वीं कक्षा में दाखिला लिया है। 24 मार्च की शाम साढ़े चार बजे वह आजाद नगर में कोचिंग के लिए निकली थी लेकिन कुछ ही देर बाद डरी हुई घर लौट आई। उसने स्कूल और कोचिंग जाने से साफ इनकार कर दिया। परिजनों के पूछने पर छात्रा ने आपबीती सुनाई। उसने बताया कि ट्रांजिट कैंप निवासी अमल गोल्डी नाम का युवक लंबे समय से स्कूल और कोचिंग आते-जाते वक्त उससे छेड़छाड़ करता था।
24 मार्च को भी उसने कोचिंग जाते वक्त छेड़छाड़ की और रूपये देने का लालच देकर साथ चलने के लिए दबाव डाला। इस घटना से छात्रा इतनी डर गई कि उसने पढ़ाई छोड़ने का फैसला कर लिया।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
थाना ट्रांजिट कैंप प्रभारी मोहन चंद्र पांडे ने बताया कि पीड़िता की मां की तहरीर के आधार पर आरोपी अमल गोल्डी के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है और आरोपी की तलाश में जुट गई है। पीड़िता की मां ने चिंता जताई कि कुछ दिनों में बेटी का स्कूल शुरु होने वाला है परन्तु वह डर के मारे बाहर निकलने को तैयार नहीं है।
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ पर सवाल
यह घटना उस वक्त सामने आई है जब सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा कर रही है।
इस अभियान का लक्ष्य बेटियों को सशक्त बनाना और उन्हें बिना डर के पढ़ाई का मौका देना है लेकिन रुद्रपुर की इस घटना ने इस दिशा में प्रशासनिक नाकामी को उजागर किया है। छेड़छाड़ के कारण एक छात्रा का पढ़ाई छोड़ना न सिर्फ उसके भविष्य पर चोट है बल्कि समाज में बेटियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करता है।
परिजनों में आक्रोश
पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। मां ने कहा हमारी बेटी की पढ़ाई उसका सपना था लेकिन इस घटना ने उसे घर में कैद कर दिया। ऐसे अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि दूसरी बेटियां बिना डर के पढ़ पाए। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग बेटियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की गुहार लगा रहे हैं।