पौड़ी/ जिले के पाबौ विकास खंड के अंतर्गत ग्राम पटोटी में शिशु को नियमित टीकाकरण हेतु सब सेंटर बजवाड़ लाया गया था जिसके 24 घंटे के अंदर उसकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
पौड़ी/ जिले के पाबौ विकास खंड के अंतर्गत ग्राम पटोटी में शिशु को नियमित टीकाकरण हेतु सब सेंटर बजवाड़ लाया गया था जिसके 24 घंटे के अंदर उसकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। परिजनों का आरोप है कि यदि टीकाकरण के दौरान बच्चे की ठीक से जांच होती तो शायद उनका पोता जिंदा होता। शिशु की मौत के बाद से उसकी मां रामेश्वर देवी सदमे में है। परिजनों की तहरीर के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
पाबौ अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि शिशु समय से पहले (प्रीमेच्योर) जन्मा था और जन्म के समय उसका वजन मात्र 1.5 किलोग्राम था जो सामान्य वजन से बहुत कम है। शिशु को पेंटा, एफआईपीवी, पीसीवी और पोलियो की खुराक दी गई थी। उसी दिन दो अन्य बच्चों को भी यही टीके दिए गए जो पूरी तरह स्वस्थ हैं। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल गोयल ने कहा है कि उनकी जानकारी में मामले के आते ही उन्होंने टीम का गठन कर गांव भेजा है। मौत के सही कारणों का पता लगाया जाएगा।
परिजनों का आरोप है कि यदि टीकाकरण के दौरान बच्चे की ठीक से जांच होती तो शायद उनका पोता जिंदा होता। शिशु की मौत के बाद से उसकी मां रामेश्वर देवी सदमे में है। परिजनों की तहरीर के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
पाबौ अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि शिशु समय से पहले (प्रीमेच्योर) जन्मा था और जन्म के समय उसका वजन मात्र 1.5 किलोग्राम था जो सामान्य वजन से बहुत कम है। शिशु को पेंटा, एफआईपीवी, पीसीवी और पोलियो की खुराक दी गई थी।
उसी दिन दो अन्य बच्चों को भी यही टीके दिए गए जो पूरी तरह स्वस्थ हैं। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल गोयल ने कहा है कि उनकी जानकारी में मामले के आते ही उन्होंने टीम का गठन कर गांव भेजा है। मौत के सही कारणों का पता लगाया जाएगा।