देहरादून/ प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद माना जा रहा था कि ये विवाद यही समाप्त हो जाएगा परन्तु अब कांग्रेस ने प्रेमचंद अग्रवाल का समर्थन करने वाले नेताओं पर भी बीजेपी से एक्शन लेने की मांग उठा दी। कांग्रेस का कहना है कि इस मुद्दे पर इतनी आसानी से शांत बैठने वाली नहीं है जिसको लेकर हरक सिंह रावत ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर तीखा हमला किया है।
राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने धामी सरकार के 3 साल के कार्यकाल को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार में मंत्रिमंडल के सदस्य परिपक्व नहीं है और उनमें अनुभव की कमी है। यह उसी का नतीजा है कि विधानसभा के भीतर और बाहर का माहौल बगैर किसी बात के खराब हो रहा है। हरक सिंह रावत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि उम्र और अनुभव से उन्हें ज्यादा मिल गया है इसलिए ऐसी स्थिति है। यह ऐसी स्थिति है जैसे अगर बंदर के सिर पर टोपी पहना दो तो वो नाचने लग जाता है।
कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि साल 1992 में जब वो उत्तर प्रदेश में मंत्री बने थे तब उनकी उम्र 27 साल थी। उस दौरान मंत्री रहते हुए उनके सामने सचिव स्तर के अधिकारी उन्हें ‘सर-सर’ कहने लगे तब थोड़े दिनों के लिए उनका भी दिमाग खराब हो गया था लेकिन 6 दिसंबर को तब झटका लगा जब अचानक सरकार चली गई। सरकारी ड्राइवर हमें कल्याण सिंह की कोठी पर छोड़कर चला गया। तब टैक्सी से घर गए तो अपनी औकात पता चली। हरक ने राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसी अधिकारी से बात करो तो वो सर-सर कहकर हमेशा के लिए सरका देगा।
कहा छोटी आयु में जो अनुभव लिया है उस कारण आज जहां भी रहें दुखी नहीं होते। यह सब क्षणिक मात्र है। उस दिन के बाद उन्हें इस बात का एहसास हो गया कि यह सब क्षणिक मात्र है। नाटक मंचन के दौरान कभी मंत्री या फिर विपक्ष के नेता का रोल निभाने को दिया जाता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने हरक सिंह रावत के बयान पर कहा कि वह वरिष्ठ नेता हैं। मेरे बारे में उनकी टिप्पणी पर मुझे कुछ नहीं कहना। इतना जरूर है कि यह हरक सिंह नहीं बल्कि उनका दर्द बोल रहा है। वह जिस चीज के आदी हैं उसके लिए तरस रहे हैं।