हल्द्वानी/ नवीन मंडी बनी टैक्स चोरी का अड्डा बन कर रह गई है अधिकारियों के आंखें मूंदने से बड़ा खेल लगातार जारी है अगर जिम्मेदार ही मौन हो जाएं तो अनियमितताओं को रोकने वाला कौन है ऐसा ही कुछ हो रहा है हल्द्वानी की नवीन सब्जी मंडी में जहां देश की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले टैक्स सिस्टम को कमजोर करने का गुनाह खुलकर किया जा रहा है।
टैक्स के पैसों से देश की बुनियाद मजबूत होती है परन्तु यहां कुछ अधिकारी टैक्स चोरों के साथ मिलकर इस बुनियाद में दीमक लगाने का काम कर रहे हैं। जिम्मेदारी का बोझ उठाने की बजाय ये अधिकारी कर चोरी के इस खेल में न केवल आंखें मूंदे हुए हैं बल्कि अपनी भूमिका को भी संदेह के घेरे में डाल रहे हैं।
हल्द्वानी की यह मंडी अब फल और सब्जियों का व्यापार कम और कर चोरी का बड़ा अड्डा बन गई है। यहां हर रोज ट्रकों में फल-सब्जियों के नीचे छिपाकर सिगरेट, गुटखा, बीड़ी, तंबाकू और प्रतिबंधित पॉलीथिन जैसी सामग्रियां लाई जा रही हैं। यह खेल कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है बल्कि सुनियोजित तरीके से राज्य के राजस्व को रोजाना लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। ताजा मामला ट्रक नंबर UK04 CC 0696 का है जिसमें फल-सब्जियों के नीचे छिपाकर दिल्ली से लाई गई प्रतिबंधित पॉलीथिन की बड़ी खेप पकड़ी गई। लेकिन इसके बावजूद मंडी समिति और राज्य कर विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आई।
अधिकारियों की भूमिका इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा संदिग्ध है। ट्रकों की रोजाना एंट्री के बावजूद उनकी ठीक से जांच क्यों नहीं की जाती क्या अधिकारी जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं या फिर यह सब उनकी मिलीभगत का नतीजा है ट्रक पकड़ने के बाद भी ट्रक मालिकों और तस्करी से जुड़े लोगों पर कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जाते मंडी समिति और कर विभाग की इस चुप्पी ने उनके इरादों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
कर चोरी का यह गोरखधंधा राज्य को आर्थिक रूप से खोखला कर रहा है। यह न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहा है बल्कि राज्य की जनता के साथ धोखा भी है। सवाल यह है कि जो अधिकारी कर चोरी रोकने के लिए जिम्मेदार हैं वे आखिर कब तक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते रहेंगे हल्द्वानी की नवीन मंडी कर चोरी का पर्याय बन चुकी है और इसमें शामिल लोग देश की रीढ़ की हड्डी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और सरकार इस खेल को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं या फिर यह मामला हमेशा की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।