सरकार के दावे और जमीनी हकीकत, नैनीताल जिले के ओखलकांडा में घायल महिला को डोली के सहारे 5 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचाया सड़क तक।

न्यूज़ 13 प्रतिनिधि नैनीताल

हल्द्वानी/ पहाड़ का दर्द किसी से छिपा नहीं है सरकार राज्य में स्वास्थ्य, सड़क और चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने के बड़े-बड़े दावे करती रहती है परन्तु इसके उलट जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है नैनीताल जिले के ओखलकांडा में एक घायल महिला को डोली के सहारे 5 किलोमीटर कंधों पर रखकर ग्रामीण ने नजदीकी मोटर मार्ग तक पहुंचाया जिसके बाद 18 किलोमीटर दूर अस्पताल ले गए।

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नैनीताल जिले के ओखलकांडा स्थित सुनकोट गांव निवासी 27 वर्षीय दीपा देवी खेत में घास काटने के दौरान गिर गई थी महिला के चोटिल होने पर उन्हें सुनकोट गांव से अस्पताल ले जाना था लेकिन वो पैदल चलने की स्थिति में नहीं थी इसके बाद ग्रामीणों ने घायल दीपा देवी को 5 किलोमीटर डोली में बैठाकर पैदल ही उबड-खाबड रास्तों और जंगल से गुजरते हुए नजदीकी मोटर मार्ग तक लाए वहां से घायल महिला को प्राइवेट वाहन से 18 किलोमीटर दूर प्राथमिक उपचार केंद्र ढोली गांव में उपचार दिया गया गिरने से दीपा के सिर में नौ टांके लगे हैं।

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स्थानीय लोगों का आरोप है कि वो पिछले कई वर्षों से गांव तक सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं परन्तु उनकी गुहार को कोई सुनने वाला नहीं है ग्रामीणों को प्रशासन से झूठे आश्वासन मिले लेकिन धरातल में हाल जस के तस हैं पूर्व ग्राम प्रधान मदन सिंह नौलिया, डीकरनाथ गोस्वामी, पूरन नाथ गोस्वामी, भगवान सिंह बोरा, ईश्वर सिंह बोरा, पूरन बोरा आदि ग्रामीणों ने घायल दीपा को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया ग्रामीणों ने सरकार और जिला अधिकारी से ग्रामीण सड़क और गांव में अस्पताल बनाने की मांग की है।

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