निकाय चुनाव से धामी की बड़ी ताकत, अब मंत्री धन सिंह 8 बार से विधायक बिशन सिंह चुफाल, रानीखेत से विधायक प्रमोद नैनवाल, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य सांसद महेंद्र भट्ट सहित कई मंत्री व विधायकों की आंकी जाएगी परफार्मेंस।
निकाय चुनाव से धामी की बड़ी ताकत, अब मंत्री धन सिंह 8 बार से विधायक बिशन सिंह चुफाल, रानीखेत से विधायक प्रमोद नैनवाल, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य सांसद महेंद्र भट्ट सहित कई मंत्री व विधायकों की आंकी जाएगी परफार्मेंस।
देहरादून/ उत्तराखंड में धामी सरकार के लिए निकाय चुनाव अच्छे संकेत लेकर आए है हालांकि भारतीय जनता पार्टी उम्मीद इससे भी ज्यादा की कर रही थी लेकिन निकाय चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर भाजपा ने राहत की सांस जरूर ली है उत्तराखंड में 100 निकायों के लिए हुए चुनाव में 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका और 46 नगर पंचायतों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला है जिसमें कुल मिलाकर भाजपा ने संतोषजनक प्रदर्शन किया है हालांकि कांग्रेस इस मामले में चिंताजनक स्थिति में दिखाई दी है वहीं कई सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों की बल्ले-बल्ले हुई
छोटी सरकार में भी दिखा मोदी मैजिक
उत्तराखंड में छोटी सरकार के लिए हुए चुनाव के दौरान मोदी मैजिक भी देखने को मिला छोटी सरकार के यह चुनाव परिणाम धामी सरकार के लिए बड़ी राहत वाले हैं
ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तराखंड में साल 2027 में विधानसभा के चुनाव हैं और मोदी मैजिक चलने से आगामी चुनाव में भी इसका लाभ मिलना तय है।
नगर निगम में खाता भी नहीं खोल पाई कांग्रेस
उत्तराखंड में कुल 11 नगर निगम हैं जिसमें से भारतीय जनता पार्टी ने 10 नगर निगम जीतने में कामयाबी हासिल की है बड़ी बात ये है कि श्रीनगर का जो नगर निगम भाजपा ने गंवाया है उसे निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी ने जीता है जो कि भाजपा से टिकट मांग रही थी और टिकट ना मिलने पर उन्होंने बगावत करते हुए चुनाव लड़ा था इस तरह कांग्रेस पूरे उत्तराखंड में 11 सीटों में से एक भी सीट नहीं जीत पाई
नगर पालिकाओं में भाजपा निर्दलीय और कांग्रेस के बीच रहा मुकाबला
उत्तराखंड में कुल 43 नगर पालिकाएं हैं जिनमें से 17 नगर पालिकाओं पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है जबकि 12 नगर पालिकाएं कांग्रेस जीती है और 14 नगर पालिकाओं में निर्दलीयों ने बाजी मारी है
निर्दलीय सीटों में एक बहुजन समाजवादी पार्टी की सीट भी शामिल है देहरादून जिले में विकास नगर सीट पर कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब रही जबकि बाकी सभी सीटें भाजपा के प्रत्याशियों ने जीती है
नगर पंचायत की सीटें के लिए भी हुई खूब खींचतान
उत्तराखंड की कुल 46 नगर पंचायत सीटों पर 16 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने नाम की हैं जबकि 15 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और 15 सीटों पर कांग्रेस ने भी अपनी जीत दर्ज की है कुल मिलाकर नगर पंचायत सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों का सीधा और कड़ा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ देखने को मिला है।
बागियों ने कई सीटों पर दिखाएं तेवर, जीत भी की हासिल
राज्य में नगर निगम की बात करें तो श्रीनगर में मेयर पद पर चुनाव जीतने वाली आरती भंडारी भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांग रही थी लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय ताल ठोक कर अपनी ताकत दिखा दी
इसी तरह नगर पालिकाओं में भी बड़ी संख्या में भाजपा और कांग्रेस के बागी चुनाव मैदान में उतरे इनमें से कुछ बागियों ने जीत भी हासिल की लेकिन अधिकतर बागी बगावत करने के बाद संबंधित पार्टी के प्रत्याशी को हराने में बड़ी भूमिका निभा गए।
सभासद और सदस्य में भी निर्दलीय प्रत्याशियों का जलवा
उत्तराखंड में कुल 1282 सभासद / सदस्य पद पर चुनाव हुए थे जिसमें सबसे ज्यादा सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीती है कुल 633 सीटों पर निर्दलीय अपनी जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं इसी तरह 435 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जीते हैं जबकि 164 सीट पर कांग्रेस और दो सीट पर बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के अलावा एक सीट पर उत्तराखंड क्रांति दल के प्रत्याशी ने भी जीत हासिल की है।
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अव्यवस्थाएं रहीं हावी
प्रदेश में भारी संख्या में लोगों के
वोटर लिस्ट से नाम गायब दिखाई दिए वहीं कई लोगों को अपने नाम मतदाता सूची में आखिरी वक्त तक मिले ही नहीं निर्वाचन आयोग के कार्यालय के कर्मचारियों से लेकर शासन के अधिकारियों की तरफ से भी यह शिकायतें सामने आती रहीं
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी मतदाता सूची में उनका नाम तब मिला जब मतदान प्रक्रिया समाप्त हो चुकी थी मतगणना के दौरान भी बेहद सुस्त गति के साथ मतों की गिनती देखने को मिली देहरादून में तो मतगणना शुरू होने के 27 घंटे बाद चुनाव परिणाम घोषित किया गया
भाजपा के कई नेताओं का रहा खराब प्रदर्शन
राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट अपने गृह जनपद में ही बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए चमोली में 10 निकाय में से भाजपा केवल दो सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई जबकि आठ निकायों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा भाजपा के इस प्रदर्शन को महेंद्र भट्ट से भी जोड़ा जा रहा है ऐसे ही सरकार में मंत्री धन सिंह रावत अपनी विधानसभा में श्रीनगर नगर निगम को भी नहीं बचा पाए
यह एकमात्र नगर निगम है जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा
बिशन सिंह चुफाल के क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा
इसी तरह पिछली आठ बार से भाजपा के विधायक और कई बार मंत्री रह चुके बिशन सिंह चुफाल के क्षेत्र में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा यहां यह पहला मौका था जब कांग्रेस ने भाजपा को धूल चटाते हुए जीत हासिल की इन सभी सीटों पर भाजपा की हार को अंतर्कलह से जोड़ा गया है।