


NEWS 13 प्रतिनिधि बी.तिवारी, पिथौरागढ़:-
उच्च हिमालयी क्षेत्र में माइग्रेशन के लिए बुग्यालो में घास चरने के लिए जाने वाली धारचूला व मुनस्यारी के भेड़ व बकरी पालकों को बीते वर्ष की तरह कोविड इनर लाइन परमिट दिए जाने की मांग ने की है। जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी सहित कई अधिकारियों को इस आशय का एक पत्र प्रेषित किया है। पत्र में कहा गया है कि कोविड के कारण सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी निभा रही आई.टी.बी.पी. तथा एस.एस.बी.के चैक पोस्ट इन भेड़ व बकरियो को चीन व नेपाल की सीमा से लगे घास के बुग्यालो में जाने से रोक रही है।
गर्मीयो में उच्च हिमालयी क्षेत्र के बुग्यालो में घास चरने के लिए जाने वाले इन जानवरों पर भी कोविड महामारी की मार पड़ रही है। औपिछले साल एक दो पत्र देने के बाद धारचूला व मुनस्यारी के उपजिलाधिकारियों ने कोविड इनर पास इन पालको को जारी किए थे। बीते दिनों ग्रीष्मकाल के चारागाह तराई भावर क्षेत्र से भेड़पालक इस क्षेत्र में लौटे है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने मंगलवार को उपजिलाधिकारी धारचूला व मुनस्यारी, जिलाधिकारी व कुमांयू आयुक्त को पत्र प्रेषित कर बीते वर्ष की तरह कोविड इनर लाइन पास जारी करने की मांग की है। मर्तोलिया ने कहा कि बीते साल का डाटा वेस प्रशासन के पास मौजूद है, उसे आधार मानकर इनर पास जारी किया जाय।
कहा कि चैक पोस्ट में बिना पास के भेड़ , बकरियों के साथ पालको को रोक दिया गया है। एक स्थान पर ज्यादा दिन रहने पर चारे की समस्या हो जाती है। इसे दूर नहीं किया गया तो भूखे रहने की नौबत आ सकती है।








