देहरादून/ रिलायंस ज्वैलर्स में हुई करोड़ की लूट मामले में देहरादून पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके गैंग द्वारा रिलाइंस ज्वैलर्स लूट की घटना करने वाले बदमाशों को फंडिंग, मोबाइल, कार सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई थी।
पुलिस ने बिहार में जिस हाइड आउट कंट्रोल हाउस से पूरा गैंग संचालित होता है उसमें दबिश देकर घटना में शामिल बदमाशों के बारे में महत्वपूर्ण सुबूत जुटाए हैं। दून पुलिस की अलग-अलग टीमें मध्यप्रदेश, बिहार में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।
राज्य स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति की देहरादून में मौजूदगी के बीच जब पुलिस व्यस्त थी तब हथियार बंद बदमाशों ने राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेलरी शो रूम में लूट की घटना को अंजाम दिया था। बदमाश यहां से लगभग 14 करोड़ की ज्वेलरी लेकर रफूचक्कर हो गए थे।घटना के दिन से ही दून पुलिस लगातार बदमाशों की धरपकड़ में जुटी है। दून पुलिस की अलग-अलग टीमें बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल के साथ ही अलग-अलग राज्यों में डेरा डाले हुए है और लगातार बदमाशों की धरपकड़ के लिए दबिश दे रही है।
बुधवार को पुलिस ने बिहार से दो लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक अमृत ने लूट में शामिल बदमाशों को फंडिंग की थी। जबकि गिरफ्तार दूसरे आरोपी विशाल कुमार ने बदमाशों को कपडे, वाहन, टोपी, मोबाइल, वर्चुअल फोन उपलब्ध कराए थे।गिरफ्तार अमृत का कनेक्शन अंबाला में गिरफ्तार आरोपी रोहित जो पश्चिम बंगाल में लूट की घटना में शामिल था उसके साथ मिला था। पुलिस अब न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड लेकर पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को दून लेकर आएगी।
सुबोध गिरोह लूट की घटनाओं को बड़े शातिराना तरीके से अंजाम देता है। गिरोह के सदस्य घटना में वर्चुअल फोन और पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करते हैं। जैमर के कारण घटना स्थल के आसपास फोन काम नहीं करते हैं। जबकि वर्चुअल फोन के माध्यम से गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस कर पाना मुश्किल हो जाता है। बिहार से गिरफ्तार विशाल यह सामान गैंग के सदस्यों को उपलब्ध करवाता था।
कटनी (मध्य प्रदेश) तथा सांगली (वेस्ट बंगाल) की घटनाओं में भी आरोपियों ने पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल किया था। सुबोध गैंग के सदस्य घटनाओं को करने के लिए या तो चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं या फर्जी आईडी पर ओएलक्स से गाड़ियां खरीद कर उन गाड़ियों से घटनाओं का अंजाम देते हैं।