नैनीताल/ सोशल मीडिया के दौर में प्रैंक वीडियो तेजी से बढ़ रहे है। आये दिन किसी ने किसी तरह के वीडियो सोशल मीडिया के जरिये युवाओं तक पहुंच रहे है। लेकिन पुलिस के साथ डेड बॉडी का प्रैंक करना दिल्ली से घूमने आये पर्यटकों को महंगा पड़ गया। पुलिस ने तीनों का चालान कर दिया। जिसके बाद चेतावनी भी दी गई, आगे अगर ऐसा कार्य दोंबारा किया तो खैर नहीं। आइये जानते है नैनीताल पुलिस के साथ हुए प्रैंक की पूरी कहानी।
हुआ यूं कि 15 जून तीन लोग नैनीताल के एक होटल में रूके। इसके बाद जब उन्होंने चैक आउट किया तो खुरापाती काम करते हुए निकल गये। कमरे से चैक आउट करने के बाद सफाई कर्मचारी कमरे में आया और बेड पर सफेद चादर से लिपटी डेड बॉडी देख घबरा गया। उसने होटल स्टॉफ को यह सूचना दी। पूरे स्टाफ के हाथ-पांव फूल गये, आनन-फानन में सूचना पुलिस को दी गई। होटल में डेड बॉडी मिलने की सूचना पर पुलिस भी तेजी से होटल की तरफ दौड़ी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि सफ़ेद चादर में लपेट कर डेड बॉडी है। चादर में सॉस लगा कर, तकिया लपेट कर डैड बॉडी दिखाने का प्रयास किया गया था। जो कि अनुचित प्रैंक था।
पर्यटकों का ऐसा कृत्य देख पुलिस को पारा गर्मी में और चढ़ गया। इधर खबर एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा तक पहुंची तो एसएसपी ने तुंरत कार्यवाही की निर्देश दिये। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो सबसे पहले होटल मालिक से पूछताछ की। उसने बताया कि तीन लोग कमरे में रूके थे। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी एवं पूछताछ पर तीनों को रूम से भागते हुए देखा गया। फिर उनके फोंन सर्विलांस पर लगाये तो उनकी लोकेशन मुक्तेश्वर में मिली। तत्काल मुक्तेश्वर थाना प्रभारी को सूचित किया गया। जहां लोकेशन के आधार पर पुलिस ने तीनों को धरा दबोचा। तीनों को मुक्तेश्वर थाने लाया गया।
इस दौरान पुलिस पूछताछ में तीनों ने अपना नाम देवाशीष नायक पुत्र चन्द्र मणि नायक निवासी 317 जी न्या खण्ड 3 इन्द्रापुरम गाजियाबाद उत्तर प्रदेश, उज्जवल भारद्वाज पुत्र प्रदीप कुमार भारद्वाज निवासी बी-32 शालीमार गार्डन साहिबाबाद, दिल्ली और दिव्या सोन पुत्री लोकेन्द्र कुमार सौन निवासी 91 एफ 2 शालीमार गार्डन दिल्ली बताया। जिसके बाद पुलिस ने तीनों छात्रों द्वारा नकली डेड बॉडी बनाकर पुलिस को गुमराह करने और आपातकालीन सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने में चालान कर दिया। साथ ही उन्हें ’कड़ी चेतावनी’ भी दी गई है।