विधायक मनोज रावत का सराहनीय कार्य।

NEWS 13 प्रतिनिधि रूद्रप्रयाग:-

रुद्रप्रयाग में टेलीमेडिसिन सेवा को शुरू करते हुए ये संशय था कि क्या लोग इसका लाभ लेंगे ? पहाड़ की दूर चोटियों में बसे गांव से क्या देहरादून बैठे डॉक्टर से बात कर कोई सलाह लेगा ? लेकिन सोमवार से अब दून मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर केदारनाथ विधानसभा में ही नहीं बल्कि रुद्रप्रयाग के कोविड पोसिटिव लोगों से बात कर रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह पर तुरंत काम शुरू कर मरीज को अधिकतम सुविधा और अच्छा इलाज देने की कोशिश कर रहे हैं।

बात दें कि सोमवार को मनसूना घाटी के दूरस्थ गांव गडगू से आंगनवाडी बहन सविता का केदारनाथ टेलीमेडिसिन सेवा द्वारा दून मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर दीप्ति को एक 11 साल की बच्ची की बीमारी के बारे में व्हाट्सएप संदेश भेजा गया था, जो एक बच्ची के बारे में था बच्ची 2 महीने से बीमार थी। जिसके बाद डॉ सजवान से बात कर मंगलवार को बच्ची को ऊखीमठ अस्पताल में गाड़ी भेज कर बुला कर देखने के लिए कहा ही था कि बच्ची शाम तक पाज़िटिव आ गयी।

विधायक मनोज रावत द्वारा फिर आज सुबह बच्ची को लेने के लिए एम्बुलेंस भेजी गई जिसमें वो अपनी दादी के साथ आई। बच्ची को अगस्त्यमुनि के पी जी कॉलेज के हॉस्टल में खुले कोविड अस्पताल में भर्ती कराने विधायक मनोज रावत खुद गए। बच्ची मुश्किल से चल पा रही थी उसके माता-पिता पशुओं को लेकर गांव के ऊँपर कहीं जंगल में थे शायद, इसलिए उस बच्ची का ईलाज शुरू नही हो पाया। अगस्त्यमुनि के डॉक्टरों ने उसकी जांच की और पाया कि बच्ची को बाल रोग विशेषज्ञ और अस्थि रोग विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी है इसलिए अन्य डॉक्टरों को दिखाने रुद्रप्रयाग भेजा। अभी तक बच्ची को डॉक्टर देख चुके हैं और उसे रुद्रप्रयाग ही भर्ती कर रहे हैं। उसकी दादी और उसे वंही अलग कमरा दिला दिया गया है। जल्दी ही ये प्यारी बच्ची ठीक होगी और गडगू गांव में अपनी दोस्तों के साथ धमा-चौकड़ी मचाएगी।

इस दौरान मनोज रावत ने कहा कि ये सब तभी संभव है जब हम सब मिलकर निस्वार्थ भाव व समर्पण से काम करें साथ ही उन्होंने जनता से मुखातिब होते हुए कहा कि दून मेडिकल कॉलेज हेल्पज और टेलीमेडिसिन सेवा से जुड़े साथियो आप सभी संशय में हैं कि ये कार्य समय और संसाधनों की बर्बादी तो नही हो रही है। उन्होंने कहा कि लेकिन आप बिलकुल परेशान न हो इस तरह दूर पहाड़ की कुछ बच्चियों को और जरूरतमंद को अगर आपने मदद कर दी तो समझिए आपका उद्देश्य सफल हो गया। मेरा मानना है कि टेलीमेडिसिन ही पहाड़ में भविष्य कि चिकित्सा विधि होगी। और आपका मॉडल आपदा और महामारी के समय चिकित्सा का मॉडल बनेगा जिसे हर कोई अपनाएगा। साथ ही उन्होंने आंगनवाड़ी बहन सविता को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे सच्चे मन से बच्ची के लिए लगी थी। उनको उनके समर्पण के लिए बधाई।

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