चौखुटिया/ विभागीय अभियंताओं की लापरवाही के चलते रामगंगा बाई नहर के 4 किलोमीटर से आगे सिंचाई पानी नहीं पहुंचने से धान पौध सूख गई है। खेती बचाने के लिए अब नए सिरे से धान बीज बोने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन सिंचाई पानी नहीं मिलने से दुखी हैं। जबकि हैड के गांवों में रोपाई शुरू करवा दी गई है।जिसके चलते अब तल्ला गेवाड के दर्जनभर ग्रामीणों के आगे सिंचाई पानी नहीं पहुंचने के चलते धान बीज बोआई का संकट खड़ा हो गया वही मौसम की मार भी ग्रामीण काश्तकार झेल रहे हैं।
बार बार विभागीय अभियंताओं से कहने के बाद भी आधे दर्जन ग्राम पंचायतों के ग्रामीण अभी भी धान बीज की बुआई नहीं कर पाए जबकि दूसरी ओर रामगंगा बाई नहर के हैड पर रोपाई शुरू कर दी गई है रोस्टर के अनुसार हैड से पानी शुरू करने के बाद टेल से दो -दो दिन हर ग्राम पंचायत को सिंचाई व्यवस्था के लिए पानी देने का कार्यक्रम तय करने के बावजूद भी विभागीय अभियंता व सरकार के कोई भी नुमाइंदे इस ओर ध्यान नहीं दे रहे ।जिसके चलते ग्रामीण काश्तकार आजीविका चलाने वाली खेती को छोड़ने के लिए मजबूर है भगोती,मज्यूर, फाली ,जेठुवा, पुरानाडाग,दीपाकोठ आदि गावों में धान पौध सूख गई है।
जबकि चादीखेत,भटकोट,बैराठ, चिनौनी में इसी रामगंगा बाई नहर से रोपाई शुरू करवा दी गई है।ऐसी स्थिति में तल्ला गेवाड़ तक पानी पहुंचना मुश्किल है इसे विभागीय अभियंताओं की लापरवाही कहा जाए या क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि। हमेशा इस क्षेत्र के ग्रामीणों को रामगंगा बाई नहर से सिंचाई के लिए आंदोलनरत रहना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार करोडो रुपया इस नहर पर खर्च किया जाता है जो विभागीय अभियंताओं सहित ठेकेदारों की जेबों मैं जाता है विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने के बावजूद भी क्षेत्र में अभी तक धान पौध बचाने के लिए पानी नहीं पहुंचना रहा है। सरकार के प्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अभियंताओं की नाकामी को दर्शा रहा है।