चारधाम यात्रा>>> अगले सप्ताह से शुरू होंगे आनलाइन पंजीकरण, पहले महीने में नहीं होगी वीआईपी व्यवस्था।

न्यूज 13 प्रतिनिधि देहरादून

चमोली/ अगले हफ्ते से शुरू होंगे ऑनलाइन पंजीकरण पहले महीने में नहीं होगी कोई वीआईपी व्यवस्था बदरीनाथ के कपाट खुलने की तिथि 4 मई निर्धारित हो गई है। अन्य तीनों धामों के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि व अक्षय तृतीय पर्व पर स्पष्ट हो जाएंगी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए अगले सप्ताह से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो जाएंगे। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रशासन का कहना है कि 15 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी जाएंगी। इस वर्ष 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन होंगे।

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बदरीनाथ के कपाट खुलने की तिथि चार मई को निर्धारित की गई है। अन्य तीनों धामों के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि व अक्षय तृतीया पर्व पर स्पष्ट हो जाएंगी। प्रशासन 30 अप्रैल से चार मई तक सभी चारों धामों के कपाटों के खुलने की संभावित तिथि को देखते हुए तैयारियों में जुट गया है। ऑनलाइन पंजीकरण वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/के माध्यम से कराए जाएंगे।

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बुधवार को चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन ने ट्रांजिट कैंप में संबंधित जिलो के जिलाधिकारी व एसपी सहित तीर्थ पुरोहितों व विभिन्न संगठनों के साथ बैठक की। इस बीच चारधाम यात्रा को सफल बनाने के लिए सुझाव भी लिए गए। गढ़वाल आयुक्त व चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन के अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय ने कहा कि पिछले वर्ष ऑनलाइन पंजीकरण देर से शुरू होने पर काफी दिक्कतें आई थीं।

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इसे देखते हुए प्रशासन ने इस वर्ष अगले सप्ताह से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किए जाने का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग ने निजी वाहनों का भी ग्रीन कार्ड बनाने का सुझाव दिया। तीर्थ पुरोहित समाज ने पंजीकरण व टोकन व्यवस्था को अव्यावहारिक बताया। कहा कि पंजीकरण व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। बैठक में आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग सौरभ गहरवार, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह, जिलाधिकारी टिहरी

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मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह सहित इन जनपदों के एसएसपी व एसपी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पहले महीने में नहीं होगी वीआईपी व्यवस्था यात्रा के दौरान कोई अव्यवस्था न हो इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि यात्रा के प्रथम माह के दौरान कोई भी वीआईपी व्यवस्था नहीं होगी। किसी भी तीर्थयात्री को वीआईपी स्कार्ट आदि नहीं दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव की ओर से अन्य प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक अनुरोध पत्र भेजा जाएगा। तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए ऋषिकेश में 20, हरिद्वार ऋषिकुल में 20 व विकासनगर में 15 काउंटर बनाए जाएंगे। इसके अलावा चेकिंग काउंटर बड़कोट, हिना, पांडुकेश्वर व सोनप्रयाग में अपरिहार्य कारणों के तहत पंजीकरण किए जाएंगे।

15 अप्रैल तक सड़कें होंगी चकाचक।

लोनिवि के सचिव ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े यात्रा मार्ग से संबंधित सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने सड़क संबंधी समस्याएं उनके सामने रखीं।

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लोनिवि के सचिव ने आश्वस्त किया कि 15 अप्रैल तक सड़कों को चकाचक कर दिया जाएगा।
हरिद्वार व ऋषिकेश में बनाए जाएंगे बड़े ठहराव स्थल

चारधाम यात्रा के दौरान प्रशासन के सामने यातायात व भीड़ प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती होगी। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि भीड़ अधिक बढ़ने पर प्रशासन कुछ शहरों में ठहराव स्थल बनाकर भीड़ को नियंत्रित करेगा। हरिद्वार व ऋषिकेश में बड़े ठहराव स्थल बनाए जाएंगे। विकासनगर, बड़कोट, उत्तरकाशी, श्रीनगर के साथ ही कीर्तिनगर में भी यात्रियों को रोकने की व्यवस्था होगी।

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इन सभी स्थानों पर दो से चार हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था व भोजन आदि की व्यवस्था होगी।

यात्रा रूट को सेक्टर में किया गया है विभाजित

यातायात व्यवस्था को चकाचक बनाए जाने के लिए पुलिस की ओर से अभिनव प्रयोग किया गया है। इस बार पूरे यात्रा रूट को 10-10 किमी के सेक्टर में विभाजित किया गया है। हर 10 किमी में चीता पुलिस वाकी-टाकी के साथ गश्त करते रहेंगे। कहीं भी स्थिति गड़बड़ होने पर उसे ठीक करने के साथ ही सूचित भी करेंगे।

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